Rajasthan News : अबूझ मुहूर्त में बाल विवाह रोकने के लिए पुलिस मुस्तैद, जागरूकता के लिए ऑपरेशन लाडली अभियान

पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि पुलिस विभाग 11 से 16 नवंबर लगातार छह दिन तक यह अभियान संचालित कर रहा है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह जैसी कुप्रथा की प्रभावी रोकथाम के लिए राज्यभर में "ऑपरेशन लाडली'' अभियान शुरू किया जा रहा है। राजस्थान पुलिस ने बताया कि यह एक तरह से साझा अभियान है। अभियान के तहत पुलिस उपखंड स्तर से लेकर गांव-गांव तक इसका मैसेज पहुंचाएगी। पुलिस जिला, खंड, स्कूल, ग्राम स्तरीय और सेवा प्रदाताओं की कार्यशाला का आयोजन कर उपस्थित प्रतिभागियों को अभियान के प्रति संवेदनशील बनाएगी।

जयपुर। देवउठनी एकादशी के साथ ही शादी-ब्याह का सीजन शुरू हो जाएगा लेकिन सरकार की चिंता 12 नवंबर को आने वाले इस अबूझ मुहूर्त को लेकर है। इस दिन राजस्थान में बड़ी संख्या में बाल विवाह के मामले सामने आते हैं। ऐसे में पुलिस ने पुलिस बाल विवाह रोकने के लिए बड़ा अभियान शुरू करने जा रही है, जिसे ऑपरेशन लाडली नाम दिया गया है।


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“ऑपरेशन लाडली” अभियान शुरू

राजस्थान पुलिस बाल विवाह रोकने के लिए राज्यभर में अभियान शुरू करने जा रही है। राजस्थान में 12 नवंबर को अबूझ सावा है। इस दिन प्रदेश में बड़ी संख्या में बाल विवाह होने के मामले सामने आते हैं। ऐसे में पुलिस महानिरीक्षक (नागरिक अधिकार) जयनारायण ने जिला पुलिस अधीक्षकों को “ऑपरेशन लाडली” अभियान शुरू करने को कहा है। अभियान के दौरान पुलिस बाल विवाह रोकने के लिए विभिन्न तरीकों से लोगों को समझाने का प्रयास करेगी।


11 से 16 नवंबर तक यह अभियान संचालित
पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि पुलिस विभाग 11 से 16 नवंबर लगातार छह दिन तक यह अभियान संचालित कर रहा है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह जैसी कुप्रथा की प्रभावी रोकथाम के लिए राज्यभर में “ऑपरेशन लाडली” अभियान शुरू किया जा रहा है। राजस्थान पुलिस ने बताया कि यह एक तरह से साझा अभियान है। अभियान के तहत पुलिस उपखंड स्तर से लेकर गांव-गांव तक इसका मैसेज पहुंचाएगी। पुलिस जिला, खंड, स्कूल, ग्राम स्तरीय और सेवा प्रदाताओं की कार्यशाला का आयोजन कर उपस्थित प्रतिभागियों को अभियान के प्रति संवेदनशील बनाएगी।


विज्ञापनों के जरिये होगा प्रचार

पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि विभिन्न माध्यमों जैसे सेवा प्रदाताओं की दुकानों एवं प्रमुख स्थानों पर दीवार लेखन, जागरूकता रैली, शासकीय तथा धार्मिक कार्यक्रमों में बाल विवाह नहीं करने की शपथ, स्लोगन, वृत्तचित्र, नुक्कड़ नाटक, होर्डिंग के साथ दैनिक समाचार पत्रों में विज्ञापन आदि के द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार कर प्रभावी जनजागरण किया जाएगा।


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