Rajasthan Politics : मंत्रिमंडल विस्तार और प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा संभव, सीएम दिल्ली रवाना
प्रदेश में इस समय पांच मंत्री पद रिक्त हैं, जिन्हें भरा जाना बाकी है। सूत्रों के मुताबिक, केवल नए चेहरों को शामिल करने तक ही बात सीमित नहीं है, बल्कि मौजूदा मंत्रियों के विभागों में फेरबदल और कुछ की छुट्टी भी हो सकती है। हाल ही में गुजरात में आयोजित भाजपा विधायकों की कार्यशाला में मौजूदा मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किए गए थे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा था, “परिवार के बड़े कभी पूरी तरह खुश नहीं होते, उनकी अपेक्षाएं अधिक होती हैं।” राजनीतिक हलकों में इस बयान को संकेत माना जा रहा है कि कुछ मौजूदा मंत्रियों की छुट्टी संभव है।

जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के मंत्रिमंडल विस्तार और प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा को लेकर हलचल तेज हो गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, आगामी 30 मई से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर सभी प्रदेशों की कार्यकारिणियों और मंत्रिमंडलों में रिक्त पदों को भरे जाने की तैयारी चल रही है।
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मंत्रियों के विभागों में फेरबदल और कुछ की छुट्टी भी
प्रदेश में इस समय पांच मंत्री पद रिक्त हैं, जिन्हें भरा जाना बाकी है। सूत्रों के मुताबिक, केवल नए चेहरों को शामिल करने तक ही बात सीमित नहीं है, बल्कि मौजूदा मंत्रियों के विभागों में फेरबदल और कुछ की छुट्टी भी हो सकती है। हाल ही में गुजरात में आयोजित भाजपा विधायकों की कार्यशाला में मौजूदा मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किए गए थे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा था, “परिवार के बड़े कभी पूरी तरह खुश नहीं होते, उनकी अपेक्षाएं अधिक होती हैं।” राजनीतिक हलकों में इस बयान को संकेत माना जा रहा है कि कुछ मौजूदा मंत्रियों की छुट्टी संभव है।
संभावित नए चेहरों की चर्चा
मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कुछ नाम चर्चा में हैं, जिनमें सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा और हवा महल विधायक बालमुकुंद का नाम सबसे प्रमुख है। दोनों लंबे समय से मंत्रिमंडल में स्थान पाने के लिए सक्रिय रूप से प्रयासरत हैं। इसके अतिरिक्त जिन नामों की चर्चा जोरों पर है, उनमें अनीता बघेल, राजेन्द्र भांबू, रेवत राम डांगा, प्रताप पुरी और जेठानंद व्यास जैसे वरिष्ठ नेताओं के नाम शामिल हैं।
प्रदेश कार्यकारिणी पर भी दिल्ली की नजर
प्रदेश कार्यकारिणी को लेकर भी दिल्ली से संकेत मिल रहे हैं कि इसकी घोषणा भी 30 मई से पहले की जा सकती है। प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ पहले ही कई बार कह चुके हैं कि प्रदेश कार्यकारिणी का विस्तार शीघ्र किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि केवल कर्मठ और जमीन पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं को ही जिम्मेदारी दी जाएगी। हालांकि, कार्यकारिणी गठन भाजपा नेतृत्व के लिए एक कठिन चुनौती साबित हो सकता है। कुल 167 पदों के लिए प्रदेश भर से दावेदारों की लंबी कतार है। हर क्षेत्र का बड़ा नेता अपने करीबी समर्थकों को जगह दिलवाने के लिए जोर-शोर से प्रयासरत है।
उपचुनाव में किए गए वादों की याद दिला रहे कार्यकर्ता
इस राजनीतिक हलचल के बीच वे कार्यकर्ता भी सक्रिय हो गए हैं, जिन्हें उपचुनाव के दौरान बड़े नेताओं द्वारा मंत्रिमंडल या कार्यकारिणी में स्थान देने का आश्वासन दिया गया था। अब वे अपने वादों की याद दिलाने लगे हैं। चित्तौड़गढ़ से चंद्रभान सिंह, बाड़मेर से बलराम मूड़ और प्रियंका चौधरी, झुंझुनू से कैलाश मेघवाल और नागौर से विजयपाल मिर्धा जैसे नाम चर्चा में हैं, जिन्हें पार्टी नेतृत्व से उम्मीद है कि उनके साथ किए गए वादे निभाए जाएंगे।
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