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Rajasthan: एडहॉक कमेटी का कार्यकाल समाप्त, क्रीड़ा परिषद ने मांगा खर्चों का ब्यौरा; आरसीए को कारण बताओ नोटिस

Sports Council

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जयपुर। सरकार अब नई एडहॉक कमेटी के गठन की दिशा में कदम बढ़ा रही है। साथ ही, आरसीए के आगामी चुनावों को प्राथमिकता दी जाएगी। खर्चों की जांच के नतीजों के आधार पर कमेटी के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।


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एक साल के खर्चों का ब्यौरा मांगा

राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) की एडहॉक कमेटी का कार्यकाल 27 मार्च को समाप्त हो गया, लेकिन अब तक आरसीए चुनाव नहीं हो सके हैं। इस बीच, बुधवार को राजस्थान क्रीड़ा परिषद ने एडहॉक कमेटी को नोटिस जारी कर पिछले एक साल के खर्चों का ब्यौरा मांगा है। इस कदम के बाद कमेटी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।


नए सदस्यों की एंट्री संभव, चुनाव कराना पहली प्राथमिकता
खेल विभाग के सचिव नीरज के. पवन ने बताया कि जल्द ही नई एडहॉक कमेटी का गठन किया जाएगा, जिसे तीन महीने के भीतर आरसीए चुनाव कराने की जिम्मेदारी दी जाएगी। वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए खर्चों की जांच की जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी खर्चे नियमों के अनुरूप हुए हैं या नहीं। सूत्रों के मुताबिक, सरकार एडहॉक कमेटी में बदलाव की योजना बना रही है। चर्चा है कि प्रतापगढ़ से पिंकेश जैन, डूंगरपुर से सुशील जैन और घनश्याम तिवाड़ी के बेटे आशीष तिवारी को नई कमेटी में शामिल किया जा सकता है।


आंतरिक मतभेद और सरकार की नाराजगी
एडहॉक कमेटी के संयोजक एवं भाजपा विधायक जयदीप बिहानी और सदस्य धनंजय सिंह खींवसर के बीच लंबे समय से मतभेद बने हुए हैं। हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान धनंजय सिंह की गैरमौजूदगी ने इस विवाद को और गहरा दिया। इसके अलावा, कमेटी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में खेल मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को आमंत्रित किया गया था, लेकिन वे शामिल नहीं हुए। इसके अगले ही दिन क्रीड़ा परिषद ने कमेटी को खर्चों का ब्यौरा देने का नोटिस जारी कर दिया। इससे यह संकेत मिलता है कि सरकार एडहॉक कमेटी की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट है।


आरसीए को कारण बताओ नोटिस
क्रीड़ा परिषद ने आरसीए को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। परिषद के अनुसार, आरसीए अपने लेटरहेड पर सवाई मानसिंह स्टेडियम का पता लिख रहा है, जबकि स्टेडियम में उसका कोई आधिकारिक कार्यालय नहीं है। खेल परिषद के सचिव राजेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि यह अनधिकृत उपयोग है और आरसीए को अपने लेटरहेड से स्टेडियम का पता हटाने का निर्देश दिया गया है। अगर संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।


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