Ratan Tata:हीरो जैसी पर्सनैलिटी, बेजुबानों से प्यार… देश में लॉन्च की पहली सस्ती कार
रतन टाटा बेजुबानों से काफी प्यार करते थे। कुछ दिन पहले एक स्टोरी काफी वायरल हुई थी जिसमें एक महिला मुंबई के ताज होटल गई थी, उसने गेट पर एक स्ट्रीट डॉग को देखा तो उसने वहां के स्टाफ से शिकायत की थी, जिसके बाद वहां के स्टाफ ने महिला को बताया था कि उनके होटल के मालिक रतन टाटा की तरफ से खास निर्देश है कि यहां से कुत्ते को नहीं हटाया जाए और उसकी देखभाल की जाए। इतना ही नहीं रतन टाटा कुत्तों की सुरक्षा से जुड़े कई स्टार्टअप में इनवेस्ट भी कर चुके हैं।
मुंबई। मशहूर उद्योगपति (famous industrialist) रतन टाटा का निधन गया है। देर रात टाटा का मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल (Breach Candy Hospital, Mumbai) में निधन हुआ। 86 वर्ष की उम्र में मुंबई में अंतिम सांस ली। अपने 75वें जन्मदिन पर टाटा समूह (tata group) से रिटायरमेंट लिया था। उन्होंने टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था।
यह भी देखें
1991 में टाटा समूह के 5वें अध्यक्ष बने
टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा (Jamsetji Tata) के दत्तक पोते नवल टाटा के बेटे हैं। रतन टाटा की स्कूल शिक्षा मुंबई में हुई। कॉर्नेल यूनिवर्सिटी (Cornell University) से आर्किटेक्चर बीएस और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम किया। रतन टाटा ने 1962 में टाटा समूह के साथ अपना करियर प्रारंभ किया। 1991 में जेआरडी टाटा (JRD Tata) के बाद समूह के 5वें अध्यक्ष बने। रतन टाटा को 2000 में पद्मभूषण (Padma Bhushan) और 2008 में पद्मविभूषण (Padmavibhushan) से सम्मानित किया गया।
कई कंपनियों का टाटा समूह में अधिग्रहण
रतन टाटा ने टेटली, जगुआर लैंड रोवर और कोरस (Tetley, Jaguar Land Rover and Corus) जैसी कंपनियों का टाटा समूह में अधिग्रहण किया। नैनो जैसी लखटकिया कार (cheap car like nano) बनाकर आम आदमी का कार का सपना साकार किया। पद्म विभूषण रतन टाटा के नेतृत्व में, टाटा समूह ने सिर्फ व्यापार करने में ही नहीं बल्कि भारत में स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा (Healthcare and education) को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भले ही उनका नाम देश के सबसे अमीर लोगों की सूची में काफी नीचे आता है, लेकिन रतन टाटा अपने व्यापारिक साम्राज्य और अपनी मजबूत कार्य नीति के लिए जाने जाते हैं।
जवानी में फिल्मी एक्टरों को देते थे मात
पद्म विभूषण रतन टाटा का निधन नौ अक्टूबर को निधन हो गया, लेकिन वह भारत पर अपनी एक छाप छोड़कर गए हैं। वह भारत के सबसे सम्मानित उद्योगपतियों में से एक हैं। उनके जवानी के फोटो देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं वह कितनी हैंडसम थे और फिल्मी एक्टरों (film actors) को भी मात देते थे। सफेद टी शर्ट में उनका फोटो आज भी वायरल है।
बेजुबानों से काफी प्यार
रतन टाटा बेजुबानों से काफी प्यार(lots of love for the voiceless) करते थे। कुछ दिन पहले एक स्टोरी काफी वायरल हुई थी जिसमें एक महिला मुंबई के ताज होटल (Taj Hotel) गई थी, उसने गेट पर एक स्ट्रीट डॉग को देखा तो उसने वहां के स्टाफ से शिकायत की थी, जिसके बाद वहां के स्टाफ ने महिला को बताया था कि उनके होटल के मालिक रतन टाटा की तरफ से खास निर्देश है कि यहां से कुत्ते को नहीं हटाया जाए और उसकी देखभाल की जाए। इतना ही नहीं रतन टाटा कुत्तों की सुरक्षा से जुड़े कई स्टार्टअप में इनवेस्ट (Invest in startup) भी कर चुके हैं।
निचले स्तर से की काम की शुरुआत
रतन टाटा 1961 में टाटा समूह में शामिल हुए, उन्होंने निचले स्तर से शुरुआत करते हुए, जमशेदपुर (jamshedpur) में टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर काम किया। वह टाटा इंडस्ट्रीज में सहायक के रूप में शामिल हुए। इसके बाद 1991 में, जेआरडी के बाद रतन टाटा टाटा समूह के अध्यक्ष बने।
भारतीय व्यवसायों को वैश्विक मानचित्र पर पहुंचाया
टाटा के सबसे साहसिक कदमों में से एक टेटली (यूके), कोरस (यूके) और जगुआर लैंड रोवर (यूके) जैसी वैश्विक कंपनियों का अधिग्रहण करना था, जिसने भारतीय व्यवसायों को वैश्विक मानचित्र पर पहुंचाया। 1996 में टेलीकॉम में प्रवेश किया। रतन टाटा ने समूह के क्षितिज का विस्तार करते हुए, टाटा टेलीसर्विसेज के साथ दूरसंचार क्षेत्र में एक साहसिक कदम उठाया। टाटा इंडिका नाम तो सुना होगा। रतन टाटा के नेतृत्व में, टाटा मोटर्स ने 1998 में टाटा इंडिका लॉन्च की, जो भारत की पहली स्वदेशी रूप से डिजाइन की गई यात्री कार के रूप में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई।
रतन टाटा ने लॉन्च की टाटा नैनो
2008 में रतन टाटा ने जनता के लिए कार बनाने का अपना सपना पूरा किया और एक लाख की कीमत वाली टाटा नैनो एक इंजीनियरिंग चमत्कार थी और भारतीय परिवारों के लिए कारों को किफायती बनाने का एक प्रयास था। टाटा नैनो ने 2011 में वैश्विक मंच पर भारतीय नवाचार को प्रदर्शित करते हुए अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कदम रखा।
यह भी पढ़ें