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Rajasthan News: 10वीं बोर्ड कॉपी जांच में लापरवाही पर बड़ी कार्रवाई, 4 शिक्षक निलंबित, 2 पर तीन साल की रोक

RBSE 10th class

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अजमेर। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में भारी लापरवाही का मामला सामने आया है। इस गंभीर चूक के चलते शिक्षा निदेशालय, बीकानेर ने चार शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निदेशक आशीष मोदी ने सोमवार देर रात इस संबंध में आदेश जारी किए, जिन शिक्षकों को सस्पेंड किया गया है, उनमें दो अलवर जिले के और दो डीडवाना-कुचामन क्षेत्र के हैं।


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इंटर्न्स को जांचने के लिए सौंपी कॉपियां

अलवर जिले के रेलवे स्टेशन सीनियर सेकंडरी स्कूल में गणित विषय की उत्तर पुस्तिकाएं सीनियर टीचर ओमप्रकाश सैनी को जांचने के लिए दी गई थीं। जांच के दौरान उन्होंने उत्तर पुस्तिकाएं इंटर्न छात्रों के हवाले कर दीं और स्वयं वहां से चले गए, जो कि बोर्ड के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। वहीं इसी स्कूल की हिन्दी साहित्य की लेक्चरर मीनाक्षी अरोड़ा ने उत्तर पुस्तिकाओं की फोटो खींची और उन्हें सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया, जो परीक्षा गोपनीयता का गंभीर उल्लंघन है। बोर्ड ने इन दोनों शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है। साथ ही निलंबन अवधि में उन्हें अलवर के जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) कार्यालय से अटैच किया गया है।


यह कार्य अपने पिता से करवाया
इधर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, बागोट (डीडवाना-कुचामन) के सीनियर टीचर भवरुद्दीन को संस्कृत विषय की 366 उत्तर पुस्तिकाएं जांचने को दी गई थीं। जांच के दौरान उन्होंने अपने सहयोगी शिक्षक प्रदीप कुमार शर्मा (राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, निम्बड़ी, मकराना) से मदद ली। प्रदीप को केजिंग (अंक जोड़कर लिखना) का कार्य सौंपा गया, परंतु उन्होंने यह कार्य अपने पिता से करवाया, जो एक दुकान पर बैठकर कॉपियों की केजिंग कर रहे थे।


परीक्षा मूल्यांकन एक अत्यंत संवेदनशील और गोपनीय कार्य
इस लापरवाही का वीडियो 26 मई को सामने आया, जिसने परीक्षा की गोपनीयता और शुद्धता पर सवाल खड़े कर दिए। शिक्षा विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए भवरुद्दीन और प्रदीप दोनों को निलंबित कर दिया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने कहा कि परीक्षा मूल्यांकन एक अत्यंत संवेदनशील और गोपनीय कार्य है, जिसमें किसी भी तरह की चूक अस्वीकार्य है। यह कार्रवाई उन सभी शिक्षकों के लिए चेतावनी है, जो अपने कर्तव्यों को हल्के में लेते हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा की शुचिता और पारदर्शिता से किसी भी स्थिति में समझौता नहीं किया जाएगा।


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