Principal के खिलाफ रेजीडेंट डॉक्टरों ने खोला मोर्चा, जानियें क्या है पूरा मामला ?
रेजीडेंट डॉक्टरों के आरोप के अनुसार करीब एक साल से डेंटल कॉलेज में इस तरह का माहौल लगातार चल रहा है। प्रिंसिपल की मनमर्जी के कारण रेजीडेंट डॉक्टर काम कर नहीं पा रहे है और दबाव के कारण तनाव की स्थिति में भी रहते है। फिलहाल रेजीडेंट डॉक्टरों ने प्रिंसिपल को हटाने की मांग को लेकर काम बंद कर दिया है ऐसे में अब देखना होगा कि क्या मामले को लेकर चिकित्सा विभाग कुछ एक्शन लेता है या फिर इन रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल जारी रहेगी।
सतवीर सिंह/जयपुर। शास्त्री नगर (Shastri Nagar) स्थित डेंटल मेडिकल कॉलेज (Dental Medical College) के प्रिंसिपल के खिलाफ रेजीडेंट डॉक्टरों ने मोर्चा खोलते हुए कार्य का बहिष्कार कर दिया। अस्पताल परिसर में प्रिंसिपल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अब रेजीडेंट डॉक्टर प्रिंसिपल को हटाने की मांग पर अड़ गए है।
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रेजीडेंट डॉक्टरों पर रौब जमाने का आरोप
मामला दरअसल प्रिंसिपल (principal) की साथी एक महिला डॉक्टर के डेंटल कॉलेज में बिना परमिशन आने का और रेजीडेंट डॉक्टरों (resident doctors) पर रौब जमाने का है। रेजीडेंट डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि प्रिंसिपल के पद का रौब दिखाकर यह महिला डॉक्टर ना केवल डेंटल कॉलेज में रेजीडेंट पर रौब जमाती है। जबकि कई मरीजों की सर्जरी (surgery) के दौरान खुद भी उसमें जबरन भागीदारी बनती है।
चिकित्सा व्यवस्था बेपटरी
डेंटल मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा व्यवस्था बेपटरी हो गई है। रेजीडेंट डॉक्टरों ने प्रिंसिपल विनय कुमार (Principal Vinay Kumar) के खिलाफ खुले तौर पर मोर्चा खोल दिया और कार्य का बहिष्कार (Boycott) कर दिया। जिसके कारण मरीजों की आफत बढ़ने लगी है तो स्वास्थ्य सेवाएं भी रुक सी गई है।
निजी क्लिनिक की डॉक्टर देती है दखल
रेजीडेंट डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि प्रिंसिपल विनय कुमार के साथ एक निजी क्लिनिक की महिला डॉक्टर नेहा बंसल (Dr. Neha Bansal) उनके ऑफिस में बैठ जाती है और उन पर रौब जमाने का काम करती है। हर रेजीडेंट डॉक्टर से बदतमीजी से बात करती है और नौकरी से हटाने की बात कहती है। रेजीडेंट डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि ये महिला डॉक्टर जबरन सर्जरी के दौरान अन्दर घुसकर सर्जरी भी कर देती है। जबकि वह प्राइवेट डॉक्टर है और सरकारी अस्पताल में इस तरह से सर्जरी करना या धमकाना गैर कानूनी है। उन्होने बताया कि इसको लेकर कई बार शिकायत की लेकिन इसके बाद भी प्रिंसिपल द्वारा उन्ही को डराने और धमकाने का काम किया जाता है।
फेल करने की धमकिया
रेजीडेंट डॉक्टरों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बाद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। करीब एक साल से इस तरह का ही माहौल बना हुआ है। यूनिवर्सिटी की तरफ से शिकायत का लेटर इनको भी आ गया लेकिन इसके बाद भी कार्रवाई कुछ नहीं हुई। रेजीडेंट डॉक्टर को टॉर्चर किया जा रहा है और फेल करने की धमकिया भी रोजाना दी जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि खुद के क्लिनिक में मरीजों को भेजने के लिए रेजीडेंट डॉक्टरों पर दबाव भी बनाया जाता है।
दबाव के कारण तनाव में रेजीडेंट डॉक्टर
रेजीडेंट डॉक्टरों के आरोप के अनुसार करीब एक साल से डेंटल कॉलेज में इस तरह का माहौल लगातार चल रहा है। प्रिंसिपल की मनमर्जी के कारण रेजीडेंट डॉक्टर काम कर नहीं पा रहे है और दबाव के कारण तनाव की स्थिति में भी रहते है। फिलहाल रेजीडेंट डॉक्टरों ने प्रिंसिपल को हटाने की मांग को लेकर काम बंद कर दिया है ऐसे में अब देखना होगा कि क्या मामले को लेकर चिकित्सा विभाग कुछ एक्शन लेता है या फिर इन रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल जारी रहेगी।
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