Sakshi Malik अपनी किताब बेचने के चक्कर में ईमान बेच गई’, Babita Phogat का पलटवार

ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने आत्मकथा ‘विटनेस’ में कुछ ऐसे सवाल उठाए हैं जिन्हें लेकर हंगामा मच गया है। किताब को लेकर हो रहे सवाल जवाब के बीच उन्होंने एक साक्षात्कार में दावा किया कि बबीता कुश्ती महासंघ की अध्यक्ष बनना चाहती हैं। उनके इस वार पर बबीता फोगाट ने पलटवार किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (X) पर एक पोस्ट में साक्षी मलिक पर अपनी किताब बेचने के चक्कर में ईमान बेचने का आरोप लगाया है।

चण्डीगढ़। हरियाणा की पहलवान साक्षी मलिक की नई किताब विटनेस (new book witness) पर हंगामा मच गया है। इस किताब में साक्षी मलिक ने कई खुलासे किए हैं। बबीता ने कहा कि जब तक हम जिंदा हैं यह लड़ाई कमजोर नहीं (the fight is not weak) हो सकती है।


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बबीता कुश्ती महासंघ की अध्यक्ष बनना चाहती हैं

ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक (Sakshi Malik) ने आत्मकथा ‘विटनेस’ में कुछ ऐसे सवाल उठाए हैं जिन्हें लेकर हंगामा मच गया है। किताब को लेकर हो रहे सवाल जवाब के बीच उन्होंने एक साक्षात्कार में दावा किया कि बबीता कुश्ती महासंघ की अध्यक्ष(President of Wrestling Federation) बनना चाहती हैं। उनके इस वार पर बबीता फोगाट (Babita Kumari Phogat ) ने पलटवार किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (X) पर एक पोस्ट में साक्षी मलिक पर अपनी किताब बेचने के चक्कर में ईमान बेचने (selling honor in order to sell a book) का आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा, “खुद के किरदार से जगमगाओ(“Shine with your character,), उधार की रोशनी कब तक चलेगी। किसी को विधानसभा मिला किसी को मिला पद, दीदी तुमको कुछ न मिला हम समझ सकते है तुम्हारा दर्द। किताब बेचने के चक्कर में अपना ईमान बेच गई।”


महावीर सिंह फोगाट ने दी प्रतिक्रिया
इससे पहले बबीता के पिता महावीर सिंह फोगाट (Mahavir Singh Phogat) ने साक्षी मलिक के आरोपों पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि साक्षी से यह सब दीपेंद्र हुड्डा और प्रियंका गांधी कहलवा रही हैं। महावीर सिंह फोगाट ने कहा था, “पहलवानों के धरना प्रदर्शन (“Wrestlers protest) में तो मैं भी गया था। इसका कोई वास्ता नहीं था। अब तो चुनाव भी हो गए हैं। उन लोगों ने बबीता को खुद ही साथ लिया था, ताकि समझौता हो जाए। चुनावों के बाद प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) और दीपेंद्र हुड्डा (Deepender Singh Hooda) उनसे यह बातें बुलवा रहे हैं। बबिता का बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) से कोई वास्ता नहीं था। इन लोगों ने बबीता को अपने स्वार्थ के लिए बुलाया था, ताकि समझौता हो जाए। इन लोगों की बात मान ली जाए।”


समझौते की कोशिश
बबीता ने इस आंदोलन के दौरान बहुत कोशिश की कि समझौता हो जाए। बृजभूषण शरण वाले मामले में भी बबीता ने कोशिश की। लेकिन सब ठीक नहीं हुआ। ये लोग अपनी राजनीति चमकाने (polishing politics) में लगे हुए हैं। वह (साक्षी मलिक) अपना नाम चमकाने के लिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर रही हैं।


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