सवाईमाधोपुर। रणथम्भौर बाघ परियोजना (Ranthambore Tiger Project) में पर्यटन सीजन के दौरान एक बार फिर से बुरी खबर सामने आ रही है। सोमवार को रणथम्भौर में एक ओर युवा बाघ की मौत का मामला सामने आया है। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रणथम्भौर की आरओपीटी रेंज के आमा घाटी वन क्षेत्र में बाघ टी-2309 (Tiger T-2309 in Aama Valley forest area of ROPT range) का शव मिला। सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और बाघ के शव को अपने कब्जे में लिया। इसके बाद वन विभाग की ओर से मेडिकल बोर्ड, वन विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में बाघ के शव का पोस्टमार्टम किया।
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इलाके को लेकर संघर्ष की जताई जा रही आशंका
वन अधिकारियों ने बताया कि आरओपीटी रेंज के जिस इलाके में बाघ का शव मिला है। वहां पर आम तौर पर बाघ टी-120 यानि गणेश व अन्य शक्तिशाली बाघों का मूवमेंट भी रहता है। वहीं बाघ के शव पर गर्दन के पास चोट के निशान और घाव भी मिले है। ऐसे में प्रथम दृष्ट्या बाघ की मौत आपसी संघर्ष में होने की आशंका (Tiger’s death suspected to be due to mutual conflict) से इंकार नहीं किया जा सकता है।
बाघ की गर्दन पर चोट के निशान
रणथम्भौर बाघ परियोजना,सवाईमाधोपुर के मुख्य वन संरक्षक अनूप के आर (Chief Conservator of Forest Anup K R) ने बताया कि आमाघाटी वन क्षेत्र में बाघ का शव मिला है। बाघ की गर्दन पर चोट के निशान है। प्रथम दृष्ट्या यह टेरोटोरियल फाइट का मामला लगता है, लेकिन पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही इस संबंध में स्पष्ट रूप से कुछ कहा जा सकेगा।
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