महेन्द्र मंगल/जयपुर। हिंदू धर्म (hindu religion) में पान के पत्ते का बेहद ही विशेष महत्व होता है। इसे शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। सभी मांगलिक कार्यों (auspicious works) में इसका इस्तेमाल किया जाता है। पौराणिकों कथाओं और शास्त्रों में भी इस पद पान के पत्ते का उल्लेख किया गया है। नवरात्रि के दौरान के पत्तों से जुड़े कुछ उपायों को करना बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती है। धन और समृद्धि की प्राप्ति (attainment of wealth and prosperity) होती है। मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और जीवन के कष्ट दूर होते हैं।
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9 दिनों तक मां के विभिन्न स्वरूपों की पूजा आराधना
इस साल शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) 3 अक्टूबर से शुरू हो रही है। 12 अक्टूबर शनिवार को इसका समापन होगा। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ-साथ मां शैलपुत्री (Mother Shailputri) की पूजा-अर्चना की जाएगी। 9 दिनों तक मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा आराधना होगी।
सफलता और धनलाभ के लिए करें ये उपाय
नवरात्रि के दौरान शाम के समय पान के पत्ते (betel leaves) के दोनों तरफ सरसों तेल (mustard oil) लगा दें। अभी इसे मां दुर्गा को अर्पित करें। सोते समय इस पत्ते को अपने पास रख लें। और सुबह उठकर मां दुर्गा के मंदिर (Temple of Maa Durga) के पीछे रख दें। ऐसा करने से ऐसा करने से सफलता के प्रबल योग बनते है। धन-समृद्धि में वृद्धि होती है। कारोबार और करियर (business and career) में लाभ होता है।
सुख-शांति और बुरी नजर से बचने के लिए करें ये काम
नवरात्रि के 9 दिन पान के पत्ते पर केसर रखकर मां दुर्गा स्तोत्र और मां दुर्गा की नामावली का पाठ करें। ऐसा करने से घर में सुख-शांति का माहौल बनता है। नकारात्मक ऊर्जा (negative energy) से मुक्ति मिलती है। लड़ाई झगड़े समाप्त होते हैं।
आर्थिक तंगी दूर करने के लिए
नवरात्रि के 9 दिन पान के पत्ते पर गुलाब का फूल (rose flower) रखकर मां दुर्गा को अर्पित करें। नवमी पूजन के बाद इन पत्तों को नदी में प्रभावित कर दें। ऐसा करने से ऐसा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है धन से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। जीवन के कष्ट भी दूर होते हैं। मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
संतान सुख के लिए उपाय
नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता (skandamata) को 9 पान के पत्ते अर्पित करें। 9 सुहागिन संतान वती स्त्रियों को सुहान की सामग्री भेंट स्वरूप दें। ऐसा करने से संतान सुख (child happiness) की प्राप्ति होती है। वैवाहिक जीवन (married life) भी सुखमय होता है।
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