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Shardiya Navratri : नवरात्रि का छठा दिन, जानें मां कात्यायनी की पूजा विधि, मंत्र भोग और आरती

Ma Katyayani

Ma Katyayani

महेन्द्र मंगल/जयपुर। नवरात्रि का हर दिन नवदुर्गा के किसी ना किसी रूप को समर्पित होता है। छठा दिन मां कात्यायनी को समर्पित है। माना जाता है कि मां कात्यायनी की पूजा अर्चना करने से भक्तों को सुख, समृद्धि और यश (happiness, prosperity and fame) की प्राप्ति होती है और जीवन में खुशहाली आती है। मां कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत भव्य और चमकीला है। मां की चार भुजाएं हैं और मां का वाहन सिंह है। मां कात्यायनी को मान्यतानुसार रोग, भय, संताप और शोक दूर करने वाली देवी माना जाता है। कहा जाता है कि पूरे मनोभाव से मां कात्यायनी का पूजन किया जाए तो जीवन से सभी दुखों का निवारण हो जाता है।


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मां कात्यायनी की पूजा विधि

मां कात्यायनी (Ma Katyayani ) की पूजा(Puja) करने के लिए सुबह के समय स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं। इसके बाद कलश की पूजा की जाती है और फिर मां कात्यायनी का पूजन किया जाता है। मां कात्यायनी के समक्ष दीप जलाया जाता है। मां को श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित की जाती हैं और साथ ही माला, सिंदूर, कुमकुर, रोली और अक्षत समेत मिठाइयां, फल और शहद माता के समक्ष रखे जाते हैं। मां कात्यायनी की पूजा (Ma Katyayani Puja) में सिक्का रखा जाता है और मां कात्यायनी के मंत्र का जाप किया जाता है। इसके बाद आरती करके और भोग लगाकर पूजा का समापन होता है। माना जाता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने पर वैवाहिक जीवन सुखमय (happy married life) बनता है और जिन लोगों के विवाह में अड़चने आ रही हैं उनके विवाह के योग बन जाते हैं।


मां कात्यायनी का प्रिय रंग
मां कात्यायनी की पूजा में माता का प्रिय रंग (Favorite Color) लाल पहना जा सकता है। इस रंग को प्रेम, साहस और उत्साह का प्रतीक माना जाता है। कहते हैं नवरात्रि के दौरान लाल रंग पहनना अत्यधिक शुभ होता है।


मां कात्यायनी का भोग
पूजा के दौरान मां कात्यायनी को शहद और मीठे पान (honey and sweet betel leaves) का भोग लगाया जा सकता है। माना जाता है कि यह भोग माता का प्रिय होता है और इसे मां को अर्पित करना बेहद शुभ होता है।


मां कात्यायनी का जन्म महर्षि कात्यायन के घर हुआ
माता इस रूप में भक्तों को शत्रुओं पर विजय प्राप्ति का वरदान देती है। माना जाता है कि देवी दुर्गा की छठी शक्ति मां कात्यायनी का जन्म महर्षि कात्यायन(Maharishi Katyayan) के घर हुआ था, इसलिए इनका नाम कात्यायनी पड़ा। शीघ्र विवाह, वैवाहिक जीवन में खुशहाली और दुश्मनों पर विजय पाने के लिए मां कात्यायनी की पूजा अचूक मानी जाती है। मां कात्यायनी पूरे ब्रजमंडल की अधिष्ठदात्री देवी (Presiding Goddess of Brajmandal) हैं। इनके आशीर्वाद से भक्त को मनचाहा जीवनसाथी मिलता है।


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