जयपुर । भगवान श्रीकृष्ण को मुरली मनोहर कहा जाता है। इनके एक हाथ में मुरली तो दूसरे हाथ में सुदर्शन चक्र (Murali in one hand and Sudarshan Chakra in the other hand) दिखाई देता है। मान्यता है कि यह चक्र इतना खतरानाक है कि यह शस्त्रु का नष्ट करके ही लौटता है। सुदर्शन चक्र का धार्मिक इतिहास में विशेष महत्व रहा है। लेकिन क्या आपको पता है कि भगवान श्रीकृष्ण को सुदर्शन चक्र किसने दिया था?
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किसने दिया भगवान को सुदर्शन चक्र
भगवान श्रीकृष्ण को सुदर्शन चक्र भगवान परशुराम (Sudarshan Chakra to Lord Shri Krishna Lord Parshuram) से प्राप्त हुआ था। जो कि भगवान विष्णु का परम अस्त्र था। मान्यता है कि भगवान परशुराम ने यह दिव्य अस्त्र श्रीकृष्ण को धर्म और सत्य की रक्षा (protection of religion and truth) के लिए दिया था। इस अस्त्र को देने के पीछे और भी कई रहस्य छुपे हैं।
भगवान परशुराम विष्णु जी के छठे अवतार
धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान परशुराम विष्णु जी के छठे अवतार थे। जो कि धर्म का पालन कर्ता, तपस्वी और युद्धकला के महारथी (Follower of religion, ascetic and master of the art of war.) थे। मान्यता है कि भगवान परशुराम ने अत्याचारियों और अधर्मियों से मुक्त करने के लिए अनेक बार धरती को क्षत्रियों से विहीन कर दिया है।
अस्त्र देने की वजह
भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप मे आठवां अवतार लिया। जिसका उद्देश्य धरती पर हो रहे अन्याय और अत्याचार को खत्म था। तब परशुराम ने यह महसूस किया कि सुदर्शन चक्र अब श्रीकृष्ण के हाथों में ही धर्म की रक्षा के लिए उपयुक्त होगा। यह चक्र केवल एक दिव्य अस्त्र नहीं, बल्कि शक्ति, संतुलन और न्याय का प्रतीक (Not a divine weapon, but a symbol of strength, balance and justice) था। यही वजह थी कि भगवान परशुराम ने अपना सुदर्शन चक्र श्रीकृष्ण को दिया था।
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