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SI भर्ती मामला: हाईकोर्ट में सरकार के वकील ने रखी ऐसी डिमांड, जिससे टल गया फैसला; जानें क्या

SI Paper Leak Case

SI Paper Leak Case

जयपुर। राजस्थान में बहुचर्चित सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा-2021 को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। हाईकोर्ट में सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान भी राज्य सरकार कोई अंतिम निर्णय नहीं कर पाई, जिसके चलते कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 1 जुलाई निर्धारित की है।


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अगली सुनवाई की तारीख 1 जुलाई तय

भजनलाल सरकार की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल (AAG) विज्ञान शाह ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की व्यस्तता के कारण भर्ती के मुद्दे पर अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है। शाह ने बताया कि 20 मई को कैबिनेट सब-कमेटी की बैठक हुई थी, लेकिन इसके बाद 24-25 मई को मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक के लिए दिल्ली में थे, जिससे मुख्यमंत्री स्तर पर विचार-विमर्श संभव नहीं हो सका। कोर्ट ने सरकार की इस दलील को सुनने के बाद अगली सुनवाई की तारीख 1 जुलाई तय की, साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि यह समय अंतिम होगा और अगली सुनवाई में निर्णय प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।


सरकार पर टालमटोल का आरोप लगा
याचिकाकर्ता पक्ष के वकील हरेन्द्र नील ने सरकार की ओर से पेश प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा कि सरकार इस मामले में जानबूझकर देरी कर रही है, और कोई ठोस निर्णय नहीं लेना चाहती। नील ने आरोप लगाया कि सरकार बार-बार नई तारीखें लेकर न्याय प्रक्रिया में देरी कर रही है, जबकि भर्ती प्रक्रिया से जुड़े अभ्यर्थी लंबे समय से अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं।


सीबीआई जांच की भी उठी मांग
इस बीच, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के नेता और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने भर्ती को रद्द करने और सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर जयपुर में रैली और धरना प्रदर्शन किया। बेनीवाल ने कहा कि यह भर्ती भ्रष्टाचार और धांधली से भरी रही है, और दोषियों को सजा दिलाने के लिए निष्पक्ष जांच आवश्यक है।


अब तक क्या हुआ इस भर्ती में?
वर्ष 2021 में राजस्थान पुलिस में SI भर्ती परीक्षा आयोजित हुई थी। भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं के आरोप लगे, जिसके बाद याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर हुईं। 13 मई को सरकार ने इस संबंध में कैबिनेट सब-कमेटी का गठन किया और बैठक बुलाई। 21 मई को समिति की बैठक के बाद रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपने की बात कही गई थी। बताया गया कि ऑपरेशन सिंदूर और मंत्रियों की अनुपलब्धता के चलते बैठक में सभी सदस्य शामिल नहीं हो सके। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सरकार को चेतावनी भी दी थी कि यदि 26 मई तक फैसला नहीं हुआ तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।


हाईकोर्ट ने अपनाया सख्त रुख
हाईकोर्ट ने सरकार को अब 1 जुलाई 2025 तक का अंतिम मौका दिया है। इससे पहले कोर्ट सरकार को चेतावनी दे चुकी है कि वह इस मामले में टालमटोल बर्दाश्त नहीं करेगी। यदि सरकार इस बार भी स्पष्ट रुख नहीं अपनाती, तो न्यायालय द्वारा कड़ा कदम उठाए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।


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