ERCP Project: राजस्थान के 16 जिलों में जल क्रांति की दस्तक, अब आपके इलाके तक पहुंचेगा पानी
यह परियोजना न केवल हाड़ौती संभाग, बल्कि राज्य के 16 जिलों के लिए वरदान सिद्ध होगी। उन्होंने जानकारी दी कि कोटा बैराज की दायीं और बायीं मुख्य नहरों तथा माइनरों को पक्का करने के लिए 2300 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं, जिससे पानी अंतिम छोर तक पहुंच सकेगा। सांगोद, लाडपुरा, करवर और रामगंजमंडी जैसे वे क्षेत्र जो अब तक सिंचाई सुविधा से वंचित थे, उन्हें भी इस योजना में शामिल किया गया है।सबैठक में ईआरसीपी कॉर्पोरेशन के मुख्य अभियंता रवि सोलंकी ने बताया कि संशोधित पीकेसी लिंक योजना से जयपुर, कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़, सवाई माधोपुर, टोंक, अजमेर, अलवर, भरतपुर, करौली, धौलपुर, दौसा सहित 16 जिलों को सीधा लाभ मिलेगा।

जयपुर। एकीकृत पीकेसी-ईआरसीपी (राम जल सेतु लिंक परियोजना) की समीक्षा बैठक में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अधिकारियों से कहा कि यह परियोजना राजस्थान के जल संकट को दूर करने वाली जीवनदायिनी योजना है। उन्होंने निर्देश दिए कि इससे जुड़े समस्त निर्माण कार्यों को तेज गति से और निर्धारित समयसीमा में पूर्ण किया जाए, जिससे पेयजल, सिंचाई और औद्योगिक उपयोग के लिए जल की समुचित आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
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16 जिलों के लिए वरदान सिद्ध
बिरला ने कहा कि यह परियोजना न केवल हाड़ौती संभाग, बल्कि राज्य के 16 जिलों के लिए वरदान सिद्ध होगी। उन्होंने जानकारी दी कि कोटा बैराज की दायीं और बायीं मुख्य नहरों तथा माइनरों को पक्का करने के लिए 2300 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं, जिससे पानी अंतिम छोर तक पहुंच सकेगा। सांगोद, लाडपुरा, करवर और रामगंजमंडी जैसे वे क्षेत्र जो अब तक सिंचाई सुविधा से वंचित थे, उन्हें भी इस योजना में शामिल किया गया है।सबैठक में ईआरसीपी कॉर्पोरेशन के मुख्य अभियंता रवि सोलंकी ने बताया कि संशोधित पीकेसी लिंक योजना से जयपुर, कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़, सवाई माधोपुर, टोंक, अजमेर, अलवर, भरतपुर, करौली, धौलपुर, दौसा सहित 16 जिलों को सीधा लाभ मिलेगा।
कृत्रिम जलाशयों का निर्माण
परियोजना के तहत कूल, पार्वती, कालीसिंध, मेज और बनास नदियों पर रामगढ़, महलपुर, नवनेरा, मेज और नीमोद राठौड़ बैराज का निर्माण प्रस्तावित है। इसके साथ ही ईसरदा और डंगरी में बांध तथा अजमेर और अलवर में कृत्रिम जलाशयों का निर्माण भी योजना का हिस्सा है। बीसलपुर बांध की जल क्षमता भी 0.50 मीटर तक बढ़ाई जाएगी।
नवनेरा बैराज कार्य पूर्ण
कोटा जिले में कालीसिंध नदी पर स्थित नवनेरा बैराज का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, जिसकी जल संग्रहण क्षमता 196.22 एमसीएम है। इससे जुड़ी नवनेरा-गलवा-बीसलपुर-ईसरदा लिंक परियोजना को तीन चरणों में क्रियान्वित किया जा रहा है।
सिंचाई और उद्योगों को मिलेगा लाभ
परियोजना से 2.21 लाख हेक्टेयर नए सिंचित क्षेत्र का विकास और 1.52 लाख हेक्टेयर पुराने सिंचित क्षेत्र का पुनर्निर्माण किया जाएगा। उद्योगों के लिए भी जल उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।लोकसभा अध्यक्ष ने दिए विशेष निर्देश बिरला ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि चंबल की दोनों मुख्य नहरों एवं कमांड एरिया की ड्रेनों की मिट्टी की सफाई शीघ्र की जाए। डूब क्षेत्र में आने वाले गांवों को पारदर्शी और संवेदनशील प्रक्रिया के तहत समुचित मुआवजा दिया जाए।
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Mahendra Mangal