Ravindra Bhati: पीएम मोदी को पत्र लिख फिर चर्चा में आए शिव विधायक भाटी, सिंधु जल समझौते को लेकर कर दी यह मांग
विधायक भाटी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में स्पष्ट किया है कि राजस्थान का पश्चिमी क्षेत्र हर वर्ष भीषण जल संकट का सामना करता है, विशेष रूप से गर्मियों में हालात और भी गंभीर हो जाते हैं। उन्होंने लिखा कि सिंधु जल समझौते के स्थगन के बाद अब समय आ गया है कि हम इस संकट में अवसर तलाशें। भाटी ने सुझाव दिया कि सिंधु नदी के जल को डाइवर्ट करके ‘वेस्टर्न रूट कैनाल’ परियोजना शुरू की जाए, जिससे यह पानी राजस्थान के सूखाग्रस्त जिलों तक लाया जा सके। उन्होंने कहा कि इस दिशा में अगर प्रधानमंत्री खुद संकल्प लें और सभी जनप्रतिनिधि एकजुट होकर प्रयास करें, तो यह एक बड़ी योजना साकार हो सकती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पानी को रोकने के लिए सिर्फ राजनीतिक इच्छाशक्ति ही काफी नहीं, इसके लिए परियोजना, बांध और नहर प्रणाली की आवश्यकता होगी।

जयपुर। शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दो अहम मुद्दों पर क्षेत्र की पीड़ा और समाधान की संभावनाएं सामने रखीं हैं। पहला मुद्दा सिंधु जल समझौते को लेकर है, जिसमें उन्होंने जल संकट से जूझ रहे पश्चिमी राजस्थान के लिए वेस्टर्न रूट कैनाल योजना शुरू करने का प्रस्ताव रखा है। दूसरा मुद्दा उन पाक विस्थापित हिंदुओं से जुड़ा है, जो धार्मिक प्रताड़ना के चलते भारत आए हैं और अब वीजा प्रक्रिया में उलझे होने के कारण असमंजस में हैं।
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‘सिंधु जल को मोड़कर पानी की समस्या का समाधान संभव’
विधायक भाटी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में स्पष्ट किया है कि राजस्थान का पश्चिमी क्षेत्र हर वर्ष भीषण जल संकट का सामना करता है, विशेष रूप से गर्मियों में हालात और भी गंभीर हो जाते हैं। उन्होंने लिखा कि सिंधु जल समझौते के स्थगन के बाद अब समय आ गया है कि हम इस संकट में अवसर तलाशें। भाटी ने सुझाव दिया कि सिंधु नदी के जल को डाइवर्ट करके ‘वेस्टर्न रूट कैनाल’ परियोजना शुरू की जाए, जिससे यह पानी राजस्थान के सूखाग्रस्त जिलों तक लाया जा सके। उन्होंने कहा कि इस दिशा में अगर प्रधानमंत्री खुद संकल्प लें और सभी जनप्रतिनिधि एकजुट होकर प्रयास करें, तो यह एक बड़ी योजना साकार हो सकती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पानी को रोकने के लिए सिर्फ राजनीतिक इच्छाशक्ति ही काफी नहीं, इसके लिए परियोजना, बांध और नहर प्रणाली की आवश्यकता होगी।
पाक विस्थापितों का दर्द भी पहुंचाया प्रधानमंत्री तक
रविंद्र सिंह भाटी ने पत्र के माध्यम से उन पाक विस्थापित हिंदू परिवारों की पीड़ा को भी उजागर किया जो धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत आए हैं। लेकिन वीजा प्रक्रिया पूरी न होने के चलते आज भी असुरक्षा और अस्थिरता में जी रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि यह लोग अब किसी भी सूरत में पाकिस्तान लौटना नहीं चाहते। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा सुरक्षा कारणों से शॉर्ट टर्म वीजा धारकों को वापस भेजने के निर्णय पर मानवीय दृष्टिकोण से पुनर्विचार करने की अपील की है।
सीमा पार विवाह संबंधों में उत्पन्न हुई परेशानियों पर भी जताई चिंता
भाटी ने प्रधानमंत्री को यह भी अवगत कराया कि पश्चिमी राजस्थान में कई परिवार ऐसे हैं जिनके वैवाहिक संबंध भारत-पाक सीमा पार के क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं। भारत सरकार द्वारा हाल ही में लिए गए निर्णयों के चलते इन लोगों के लिए अपने परिवार से मिलना कठिन हो गया है। उन्होंने इन मामलों में लचीलापन दिखाने और ऐसे परिवारों को राहत देने के लिए विशेष प्रावधान करने की मांग की है। उनका कहना है कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है, लेकिन इसके साथ ही मानवीय संवेदनाओं और पारिवारिक मूल्यों को भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
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Mahendra Mangal