Mustard Oil Price: राजस्थान में सरसों की बंपर पैदावार के बावजूद आसमान छू रहे तेल के दाम, जानें क्यों?

प्रदेश के कई जिलों भले ही सरसों का बंपर उत्पादन हुआ हो, लेकिन सरसों के तेल के दाम आज भी आसमान छू रहे हैं। पिछले एक साल से सरसों तेल के दाम थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ऐसे में इन दिनों तड़का आम आदमी की जेब ढीली कर रहा है। सरसों के तेल की बढ़ती कीमतों ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। एक साल पहले सरसों के तेल की कीमत 100 से 110 रुपए प्रति लीटर थी, जो अब 150 रुपए प्रति लीटर हो गए हैं। सरसों की शुद्धता और सौंधी खुशबू लोगों को लुभा रही है, लेकिन बेकाबू भाव छौंक पर अंकुश नहीं लगा रहे हैं। सरसों तेल के उछाल मारते दामों ने रसोई का बजट गड़बड़ा दिया है।

जयपुर। सरसों के भाव भले ही किसानों की किस्मत को चमका रहे हो लेकिन उछलते दामों ने रसोई का तेल निकाल दिया है। अभी भी तेल देखो और तेल की धार देखो की तर्ज पर दाम काबू में आते नजर नहीं आ रहे। ऐसे में तडक़ा अब आमजन को फटका लगाता नजर आ रहा है।


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रसोई का बिगड़ा बजट

प्रदेश के कई जिलों भले ही सरसों का बंपर उत्पादन हुआ हो, लेकिन सरसों के तेल के दाम आज भी आसमान छू रहे हैं। पिछले एक साल से सरसों तेल के दाम थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ऐसे में इन दिनों तड़का आम आदमी की जेब ढीली कर रहा है। सरसों के तेल की बढ़ती कीमतों ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। एक साल पहले सरसों के तेल की कीमत 100 से 110 रुपए प्रति लीटर थी, जो अब 150 रुपए प्रति लीटर हो गए हैं। सरसों की शुद्धता और सौंधी खुशबू लोगों को लुभा रही है, लेकिन बेकाबू भाव छौंक पर अंकुश नहीं लगा रहे हैं। सरसों तेल के उछाल मारते दामों ने रसोई का बजट गड़बड़ा दिया है।


इसलिए नहीं घट रहे खाद्य तेलों के दाम
अमेरिका की ओर से हाल ही में भारत पर उच्च टैरिफ लगाया गया है। इससे कृषि उत्पादों के व्यापार में रुकावट आ रही है। वहीं उच्च टैरिफ से खाद्य तेलों के दाम उछाल आया है। अभी अमेरिका से भारत आने वाली वस्तुओं पर औसतन 7.7 प्रतिशत शुल्क लगता है, जबकि भारत से अमेरिका जाने वाली वस्तुओं पर केवल 2.8 प्रतिशत यानी दोनों के बीच 4.9 प्रतिशत का अंतर है। यही वजह है कि इन दिनों खाद्य पदार्थ तेलों के दाम बढ़े हैं।


दरों पर एक नजर
तेल दाम (प्रति लीटर)
सरसों- 150
रिफाइंड- 150
मूंगफली- 200
तिल्ली- 300


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