Rajasthan News :राजकॉम्प के ग्रुप जनरल मैनेजर के ठिकानों पर एसीबी का एक्शन, बड़े ब्यूरोक्रेट्स भी निशाने पर
खास बात यह है कि सीपी सिंह के तार ब्यूरोक्रेसी के कई बड़े अफसरों से जुड़े हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक डीओआईटी में रह चुके एक सीनियर आईएएस तक भी इस जांच की आंच पहुंचने की संभावना है। प्रदेश में बीजेपी सरकार के सत्ता में आने से पहले भी सीपी सिंह के ठिकानों पर ED का एक्शन हुआ था, जिसमें इनके प्राइवेट लॉकर्स में बड़ी मात्रा में कैश बरामद हुआ था। गौरतलब है कि पिछली सरकार में मोबाइल फोन खरीद के टेंडरों से जुड़ा काम इन्हीं के पास था।

जयपुर। एंटी करप्शन ब्यूरो ने आज राजकॉम्प(Rajcomp) के ग्रुप जनरल मैनेजर(Group GM ) छत्रपाल सिंह के जयपुर, दिल्ली, गाजियाबाद सहित कई जगहों पर छापेमारी की। ACB आय से अधिक संपत्ति के मामले को लेकर सर्च कर रही है। शुरुआती जांच में अभी तक ACB को पोर्श, डिफेंडर, स्कॉर्पियो, थार सहित कई महंगी गाड़ियां मिली हैं। ACB DG रविप्रकाश (ACB DG Raviprakash) मेहरड़ा के निर्देश पर यह कार्रवाई की जा रही है। आधा दर्जन से ज्यादा अधिकारी जांच में लगे हुए।
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सीनियर आईएएस तक भी इस जांच की आंच
खास बात यह है कि सीपी सिंह के तार ब्यूरोक्रेसी के कई बड़े अफसरों (Many senior officers of bureaucracy) से जुड़े हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक डीओआईटी (DOIT) में रह चुके एक सीनियर आईएएस (Senior IAS) तक भी इस जांच की आंच पहुंचने की संभावना है। प्रदेश में बीजेपी सरकार (BJP government) के सत्ता में आने से पहले भी सीपी सिंह के ठिकानों पर ED का एक्शन हुआ था, जिसमें इनके प्राइवेट लॉकर्स (private lockers) में बड़ी मात्रा में कैश बरामद हुआ था। गौरतलब है कि पिछली सरकार में मोबाइल फोन खरीद के टेंडरों से जुड़ा काम इन्हीं के पास था।
IAS अखिल अरोड़ा भी निशाने पर
एसीबी की कार्रवाई यह बता रही है कि डीओआईटी में पिछले कुछ सालों में टेंडरों के नाम पर भारी लूट की गई है। पिछले साल एसीबी ने एक परिवार को दर्ज कर डीओआईटी के तत्कालीन चेयरमैन (Former Chairman of DoIT) आईएएस अखिल अरोड़ा के खिलाफ अनुसंधान की अनुमति के लिए सरकार को चिट्ठी लिखी थी लेकिन बड़े अफसरों के प्रभाव में यह चिट्ठी दबा दी गई।
हाईकोर्ट की फटकार के बाद कार्रवाई
गौरतलब है कि पिछले दिनों हाईकोर्ट (High Court) ने एक पीआईएल पर सुनवाई करते हुए ACB के डीजीपी को तलब किया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने यह टिप्प्णी की थी कि डीओआईटी राजस्थान का सबसे भ्रष्ट महकमा है और साथ ही ACB को निर्देश दिए थे कि डीओआईटी में पिछले 5 सालों में जो भी टेंडर हुए हैं, उनकी जांच की जाए।
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