Ranthambore National Park: इलाके को लेकर बाघों में छिड़ा संघर्ष, नूरी और एरोहेड की बेटी के बीच हुई भिड़ंत

रणथंभौर नेशनल पार्क में बाघों की लगातार बढ़ती संख्या के चलते अब टाइगरों के बीच क्षेत्र और अस्तित्व की लड़ाई और भी तीव्र होती जा रही है। हाल ही में पार्क के जोन नंबर 2 में एक ऐसा ही रोमांचक और चिंताजनक दृश्य देखने को मिला, जहां दो बाघिनों के बीच जबरदस्त संघर्ष हुआ। यह घटना 16 मई की शाम अमराई वन क्षेत्र में घटित हुई। बताया जा रहा है कि यहां बाघिन नूरी और बाघिन एरोहेड की उपवयस्क बेटी के बीच तीखी भिड़ंत हो गई। दोनों के बीच संघर्ष इतना गंभीर था कि बाघिन नूरी, एरोहेड की बेटी को जान से मार भी सकती थी लेकिन ठीक उसी समय टाइगर टी-120 वहां आ गया और उसने हस्तक्षेप कर एरोहेड की बेटी को बचा लिया। यह पूरा दृश्य पार्क में मौजूद कई पर्यटकों ने अपने कैमरों में कैद कर लिया। वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

सवाई माधोपुर। रणथंभौर टाइगर रिजर्व में टाइगरों के बीच इलाके के लिए हो रहा संघर्ष बढ़ने लगा है। क्षेत्र में बढ़ती बाघों की संख्या के कारण उनके बीच सीमाओं को लेकर लड़ाई बढ़ने लगी है। वन विभाग की नजरें अब इनकी गतिविधियों पर है।


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दो बाघिनों के बीच जबरदस्त संघर्ष

रणथंभौर नेशनल पार्क में बाघों की लगातार बढ़ती संख्या के चलते अब टाइगरों के बीच क्षेत्र और अस्तित्व की लड़ाई और भी तीव्र होती जा रही है। हाल ही में पार्क के जोन नंबर 2 में एक ऐसा ही रोमांचक और चिंताजनक दृश्य देखने को मिला, जहां दो बाघिनों के बीच जबरदस्त संघर्ष हुआ। यह घटना 16 मई की शाम अमराई वन क्षेत्र में घटित हुई। बताया जा रहा है कि यहां बाघिन नूरी और बाघिन एरोहेड की उपवयस्क बेटी के बीच तीखी भिड़ंत हो गई। दोनों के बीच संघर्ष इतना गंभीर था कि बाघिन नूरी, एरोहेड की बेटी को जान से मार भी सकती थी लेकिन ठीक उसी समय टाइगर टी-120 वहां आ गया और उसने हस्तक्षेप कर एरोहेड की बेटी को बचा लिया। यह पूरा दृश्य पार्क में मौजूद कई पर्यटकों ने अपने कैमरों में कैद कर लिया। वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।


सीमाओं को लेकर संघर्ष
रणथंभौर के जोन 2 में इस तरह की घटना यह दिखाती है कि जैसे-जैसे बाघों की संख्या बढ़ रही है, उनके बीच सीमाओं को लेकर संघर्ष भी बढ़ता जा रहा है। खासकर युवा बाघ और बाघिन, जो अभी अपनी जगह तलाश रहे हैं, उनके लिए यह संघर्ष और भी चुनौतीपूर्ण बनता जा रहा है। वन विभाग की नजर अब इन बाघों की गतिविधियों पर है, ताकि भविष्य में ऐसे संघर्षों को रोका जा सके और मानव व वन्यजीव दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।


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