Rajasthan Politics: सांसद-विधायक अब कागज नहीं ऑनलाइन देंगे अनुशंसा, विकास कार्यों की स्वीकृति में आएगी पारदर्शिता
अधिकारियों के अनुसार इस निर्णय के पीछे सरकार की मंशा है कि विधायक मद के बजट में होने वाली अनियमितताओं, गड़बड़ियों और बंदरबांट पर पूरी तरह रोक लगाई जा सके। इससे कामकाज में पारदर्शिता आएगी और जवाबदेही होगी। यह नई व्यवस्था एक अप्रेल से प्रभावी कर दी गई है, लेकिन बजट के अभाव के कारण अब तक किसी विधायक की ओर से इस प्रणाली का विधिवत उपयोग शुरू नहीं किया गया है। ग्रामीण विकास विभाग ने प्रदेश के सभी जिला कलक्टरों को नई प्रक्रिया से अनुशंसा लेने के निर्देश जारी किए हैं।

जयपुर। विधायकों और सांसदों से उनके मद से जुड़े सभी कार्य कराने की अनुशंसा अब उनसे कागज पर नहीं ली जाएंगी। जनप्रतिनिधियों को विकास कार्यों की अनुशंसा के लिए डिजिटल प्रणाली का उपयोग करना होगा। ग्रामीण विकास विभाग ने इसके लिए ई-वर्क मोबाइल ऐप की सुविधा शुरू की है। विधायक अब मोबाइल पर ही देख सकेंगे कि उन्होंने जिन कार्यों की अनुशंसा की है, उनकी वित्तीय स्वीकृति, भौतिक प्रगति, आवंटित-स्वीकृत राशि क्या है।
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निरीक्षण, प्रगति रिपोर्ट ऐप से देख सकेंगे
इसी तरह संबंधित विभागों के अधिकारी भी इन कार्यों का निरीक्षण, प्रगति रिपोर्ट ऐप से देख सकेंगे। विभागीय योजनाओं के तहत किए जाने वाले कार्यों की प्रशासनिक, तकनीकी और वित्तीय स्वीकृति भी अब ‘ई-वर्क’ पोर्टल के माध्यम से ई-साइन से ऑनलाइन ही दी जाएगी।
कामकाज में पारदर्शिता आएगी
अधिकारियों के अनुसार इस निर्णय के पीछे सरकार की मंशा है कि विधायक मद के बजट में होने वाली अनियमितताओं, गड़बड़ियों और बंदरबांट पर पूरी तरह रोक लगाई जा सके। इससे कामकाज में पारदर्शिता आएगी और जवाबदेही होगी। यह नई व्यवस्था एक अप्रेल से प्रभावी कर दी गई है, लेकिन बजट के अभाव के कारण अब तक किसी विधायक की ओर से इस प्रणाली का विधिवत उपयोग शुरू नहीं किया गया है। ग्रामीण विकास विभाग ने प्रदेश के सभी जिला कलक्टरों को नई प्रक्रिया से अनुशंसा लेने के निर्देश जारी किए हैं।
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Mahendra Mangal