paper leak gang: प्रतियोगी परीक्षा पेपर लीक गिरोह का भंडाफोड़, एसओजी ने फरार महिला आरोपी को गिरफ्तार किया

एसओजी के एडीजी वी.के. सिंह ने बताया कि कविता ने अपने भाई दीपक लक्षकार और पेपर माफियाओं के जरिए 25 लाख रुपए में परीक्षा से पहले अर्थशास्त्र का प्रश्नपत्र प्राप्त कर उसे कई उम्मीदवारों को पढ़वाया। परीक्षा से एक दिन पहले विशेष स्थान पर रखे गए 8–10 अभ्यर्थियों को रात में परीक्षा का पेपर समझाया गया, फिर उन्हें परीक्षा केन्द्र रवाना किया गया। इस गिरोह ने परीक्षा से पहले और बाद में क्रमशः 12 व 13 लाख रुपए की किश्तें प्राप्त करने के लिए एक प्लॉट तक बेच दिया था। एसओजी की प्रारंभिक पूछताछ में यह भी सामने आया कि कविता लखेरा ने लीक पेपर से तैयारी कर 20वें स्थान पर मेरिट हासिल की थी, जबकि इससे पहले उसने कई बार परीक्षाएं दीं लेकिन सफल नहीं हो पाई थी।

जयपुर। राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा 15–16 अक्टूबर 2022 को आयोजित प्राध्यापक अर्थशास्त्र (स्कूल शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा की गड़बड़ी को उजागर करने के लिए एसओजी ने लंबी छानबीन के बाद शनिवार को फरार आरोपी स्कूल लेक्चरर कविता लखेरा (35) को अरेस्ट कर कोर्ट में पेश किया। सोमवार तक तीन दिन के रिमांड पर भेजी गई कविता लखेरा मालपुरा गेट, सांगानेर निवासी श्याम सुन्दर लखेरा की पत्नी हैं।


यह भी देखें


20वें स्थान पर मेरिट हासिल की थी

एसओजी के एडीजी वी.के. सिंह ने बताया कि कविता ने अपने भाई दीपक लक्षकार और पेपर माफियाओं के जरिए 25 लाख रुपए में परीक्षा से पहले अर्थशास्त्र का प्रश्नपत्र प्राप्त कर उसे कई उम्मीदवारों को पढ़वाया। परीक्षा से एक दिन पहले विशेष स्थान पर रखे गए 8–10 अभ्यर्थियों को रात में परीक्षा का पेपर समझाया गया, फिर उन्हें परीक्षा केन्द्र रवाना किया गया। इस गिरोह ने परीक्षा से पहले और बाद में क्रमशः 12 व 13 लाख रुपए की किश्तें प्राप्त करने के लिए एक प्लॉट तक बेच दिया था। एसओजी की प्रारंभिक पूछताछ में यह भी सामने आया कि कविता लखेरा ने लीक पेपर से तैयारी कर 20वें स्थान पर मेरिट हासिल की थी, जबकि इससे पहले उसने कई बार परीक्षाएं दीं लेकिन सफल नहीं हो पाई थी।


पेपर लीक नेटवर्क का पूरा नक्शा सामने
आशंका के आधार पर पहले ही कविता के भाई दीपक लक्षकार, टोंक निवासी ओमप्रकाश गुर्जर, जालौर निवासी गणपत विश्नोई, जयपुर निवासी राम रतन, टोंक के रामचंद्र मीणा व जयपुर के पुरुषोत्तम लखेरा के साथ आरोपी बनाया गया था। मोबाइल चैटिंग और बैंक ट्रांजेक्शन छानबीन से पेपर लीक नेटवर्क का पूरा नक्शा सामने आया है। एसओजी ने 10 अप्रैल 2025 को राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी। अब तक गिरोह के सात सदस्यों को नामजद किया जा चुका है। इस मिलीजुली जांच से प्रदेश में बढ़ती परीक्षा गड़बड़ियों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और दोषियों को कठोर दंड सुनिश्चित किया जाएगा।


यह भी पढ़ें

  1.  राजस्थान हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, करीब साढ़े चार हजार विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ
  2. प्रचंड गर्मी का कहर, गंगानगर और फलौदी में पारा 46 पार, दिन-रात चल रही है हीट वेव्स

Related Articles

Back to top button