Illegal Bangladeshis: राजस्थान में अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या हजार पार, पश्चिम बंगाल से होगी वतन वापसी

बांग्लादेश और म्यांमार से अवैध रूप से आए इन लोगों में से बड़ी संख्या में यहां परिवार सहित रह रहे थे। इनमें से बड़ी संख्या में महिलाएं यहां रहने वाले परिवारों के घर घरेलू कामकाज कर रहीं थी। इनके अलावा पुरुष कबाड़ी, खान मजदूरी, ईंट-भट्टों में मजदूरी, कचरा बीनने या बेलदारी जैसे काम कर रहे थे। कुछ की अपराधों में भी लिप्तता सामने आती रही है। वापसी के लिए चिन्हित 1001 बांग्लादेशियों रोहिंग्याओं में 341 बच्चे और 284 महिलाएं भी शामिल हैं। शेष 376 पुरुष हैं। इनको चरणबद्ध तरीके से भेजा जाएगा। अवैध रूप से रह रहे इन बांग्लादेशियों-रोहिंग्याओं की वापसी की प्रक्रिया की गृह विभाग निगरानी कर रहा है। इनको रखने के लिए हर जिले में होल्डिंग सेंटर बनाए गए हैं।

जयपुर। राजस्थान में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों-रोहिंग्याओं की संख्या एक हजार पार पहुंच गई है। इनमें से उन लोगों की भी बड़ी संख्या है, जो वर्षों से यहां अवैध रूप से रह रहे थे। पहले चरण में करीब डेढ़ सौ लोगों को विशेष विमान से पश्चिम बंगाल भेज दिया। एक-दो दिन में कुछ और लोगों को वापसी के लिए भेजने की तैयारी है। पश्चिम बंगाल से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के माध्यम से इनकी वतन वापसी होगी।


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कुछ की अपराधों में भी लिप्तता

बांग्लादेश और म्यांमार से अवैध रूप से आए इन लोगों में से बड़ी संख्या में यहां परिवार सहित रह रहे थे। इनमें से बड़ी संख्या में महिलाएं यहां रहने वाले परिवारों के घर घरेलू कामकाज कर रहीं थी। इनके अलावा पुरुष कबाड़ी, खान मजदूरी, ईंट-भट्टों में मजदूरी, कचरा बीनने या बेलदारी जैसे काम कर रहे थे। कुछ की अपराधों में भी लिप्तता सामने आती रही है। वापसी के लिए चिन्हित 1001 बांग्लादेशियों रोहिंग्याओं में 341 बच्चे और 284 महिलाएं भी शामिल हैं। शेष 376 पुरुष हैं। इनको चरणबद्ध तरीके से भेजा जाएगा। अवैध रूप से रह रहे इन बांग्लादेशियों-रोहिंग्याओं की वापसी की प्रक्रिया की गृह विभाग निगरानी कर रहा है। इनको रखने के लिए हर जिले में होल्डिंग सेंटर बनाए गए हैं।


14 जिलों से चिह्नित
इन लोगों को प्रदेश के 14 जिलों से चिन्हित किया है, जिनमें एक तिहाई से अधिक सीकर में पकड़े गए। सीकर जिले में अवैध रूप से रहने वाले 148 लोगों को वापस भेजा जा रहा है। 30 अप्रैल को सरकार ने अवैध बांग्लादेशियों-रोहिंग्याओं के खिलाफ अभियान शुरू करने के निर्देश दिए। 8 मई को केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने प्रत्यर्पण के लिए हर जिले में विशेष टास्क फोर्स व होल्डिंग सेंटर बनाने को कहा।


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