JEE Mains सेशन 2 रिजल्ट घोषित, Advanced का कटऑफ जारी, 24 को 100 पर्सेंटाइल, राजस्थान से सबसे ज्यादा 7 छात्रों ने मारी बाजी
इस परीक्षा में कोटा से कोचिंग कर रहे भुवनेश्वर निवासी ओमप्रकाश बेहरा ने ऑल इंडिया रैंक-1 हासिल की है। ओमप्रकाश ने जेईई मेन जनवरी सेशन में परफेक्ट स्कोर 300 में से 300 अंक हासिल किए थे। ओमप्रकाश ने बताया कि पहले जेईई मेन और एडवांस्ड की तैयारी के दौरान फैकल्टीज की गाइड लाइंस को फॉलो किया। वीकली टेस्ट में मार्क्स का ग्राफ कम-ज्यादा होता रहा लेकिन मैं अपना बेस्ट देने की कोशिश करता रहा। हर टेस्ट के बाद सेल्फ एनालिसिस करता हूं और गलतियों को टारगेट कर उन्हें दूर करने की कोशिश करता हूं। मेरा सक्सेस मंत्र है कि जो हो चुका है, उस पर ध्यान देने की जगह जो हो रहा है, उस पर ध्यान दूं।

जयपुर। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने कल देर रात जेईई-मेन अप्रैल सेशन के परिणामों के साथ ऑल इंडिया रैंक एवं एडवांस्ड की पात्रता जारी कर दी। परिणामों में एक बार फिर राजस्थान के विद्यार्थियों ने श्रेष्ठता साबित की। एनटीए द्वारा जारी प्रेस रिलीज में 24 विद्यार्थियों को 100 एनटीए स्कोरर घोषित किया गया, जिसमें सबसे ज्यादा राजस्थान से 7 स्टूडेंट्स रहे। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के 2, महाराष्ट्र के 3, कर्नाटक का 1, तेलंगाना के 3, गुजरात के 2, दिल्ली के 2, उत्तरप्रदेश के 3 और आंध्रप्रदेश के 1 स्टूडेंट ने 100 पर्सेन्टाइल स्कोर में जगह बनाई।
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परफेक्ट स्कोर 300 में से 300 अंक हासिल
इस परीक्षा में कोटा से कोचिंग कर रहे भुवनेश्वर निवासी ओमप्रकाश बेहरा ने ऑल इंडिया रैंक-1 हासिल की है। ओमप्रकाश ने जेईई मेन जनवरी सेशन में परफेक्ट स्कोर 300 में से 300 अंक हासिल किए थे। ओमप्रकाश ने बताया कि पहले जेईई मेन और एडवांस्ड की तैयारी के दौरान फैकल्टीज की गाइड लाइंस को फॉलो किया। वीकली टेस्ट में मार्क्स का ग्राफ कम-ज्यादा होता रहा लेकिन मैं अपना बेस्ट देने की कोशिश करता रहा। हर टेस्ट के बाद सेल्फ एनालिसिस करता हूं और गलतियों को टारगेट कर उन्हें दूर करने की कोशिश करता हूं। मेरा सक्सेस मंत्र है कि जो हो चुका है, उस पर ध्यान देने की जगह जो हो रहा है, उस पर ध्यान दूं।
पिता ओडिशा में प्रशासनिक सेवा के अधिकारी
ओमप्रकाश के पिता कमलकांत बेहरा ओडिशा में प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। बेटे की पढ़ाई में पूरी मदद करने के लिए उन्होंने दिल्ली में डेपुटेशन लिया ताकि कोटा जाकर बेटे से मिल सकें और उसे मानसिक संबल दे सकें। वहीं ओमप्रकाश की मां स्मिता रानी बेहरा, जो ओडिशा में कॉलेज लेक्चरर हैं, बेटे की पढ़ाई में पूरा साथ देने के लिए पिछले 3 साल से कोटा में रह रही हैं, इसके लिए उन्हें अपने करियर के साथ समझौता करना पड़ा।
मोबाइल फोन से दूरी बनाकर रखी
ओमप्रकाश ने बताया कि पढ़ाई के दौरान उन्होंने मोबाइल फोन से भी दूरी बनाकर रखी। उनका मानना है कि फोन से ध्यान भटकता है, इसलिए वे इसका उपयोग नहीं करते और अपनी पढ़ाई में रोजाना लगभग 8 से 9 घंटे सेल्फ स्टडी में देते हैं। उनका लक्ष्य आईआईटी मुंबई से कंप्यूटर साइंस ब्रांच में बीटेक करना है।
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