Temple of Lord Shiva: संभल के बाद बनारस के एक मकान में मिला मंदिर, 3-4 दिनों में सामने आएगी सच्चाई
पुलिस ने मुस्लिम समुदाय के स्थानीय लोगों से भी बातचीत की। उनका कहना था कि उन्हें इस मंदिर के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि यह मंदिर काफी समय से बंद पड़ा है। पुलिस ने उनसे मंदिर को खोलने में सहयोग करने की अपील की है। सनातन रक्षा दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने कहा कि काशीखंड के मुताबिक, काशी में अभी कई शिवलिंग लापता हैं। उनकी खोज हम कर रहे हैं। हमने प्रशासन से मांग किया है कि हमें जल्द से जल्द इस मंदिर में पूजा-पाठ की अनुमति दी जाय। प्रशासन से हमें आश्वासन मिला है कि वह लोग कागज चेक कराएंगे, उसके बाद ही उस पर कोई एक्शन लेंगे।
वाराणसी। बनारस के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र मदनपुरा (Muslim dominated area of Banaras) में एक मुसलमान व्यक्ति के घर के भीतर मंदिर मिला है। पिछले दो दिनों से इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी। जिसके बाद मंगलवार को हिंदू समाज के लोग उक्त मकान में पहुंचे जहां मंदिर था। इस दौरान काफी गहमागहमी का माहौल रहा। सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस बल तैनात रही।
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मंदिर लगभग 40 वर्षों से बंद
यूपी के संभल के बाद अब वाराणसी के मदनपुरा में मुस्लिम शख्स के मकान में मंदिर मिला है। हिंदू समाज ने इसे भगवान शिव का मंदिर (Temple of Lord Shiva) बताया है, वहीं मुस्लिम समुदाय के लोग इसके बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दे पा रहे हैं। फ़िलहाल मंदिर में ताला बंद है और इसे 150 वर्ष प्राचीन बताया जा रहा है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, मंदिर लगभग 40 वर्षों से बंद है। मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने हिंदू समाज के लोगों को समझाया और शांति बनाए रखने की अपील की।
मंदिर में पूजा-पाठ की अनुमति की मांग
पुलिस ने मुस्लिम समुदाय के स्थानीय लोगों से भी बातचीत की। उनका कहना था कि उन्हें इस मंदिर के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि यह मंदिर काफी समय से बंद पड़ा है। पुलिस ने उनसे मंदिर को खोलने में सहयोग करने की अपील की है। सनातन रक्षा दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा(State President of Sanatan Raksha Dal Ajay Sharma) ने कहा कि काशीखंड के मुताबिक, काशी में अभी कई शिवलिंग लापता हैं। उनकी खोज हम कर रहे हैं। हमने प्रशासन से मांग किया है कि हमें जल्द से जल्द इस मंदिर में पूजा-पाठ की अनुमति दी जाय। प्रशासन से हमें आश्वासन मिला है कि वह लोग कागज चेक कराएंगे, उसके बाद ही उस पर कोई एक्शन लेंगे।
यथास्थिति रखा जाय, पूजा अर्चना की बातें फ़ालतू
वहीं इस मामले में मकान के एक मुस्लिम शख्स ने बताया कि यह कई दशकों से मंदिर ही था, फिलहाल इसके स्वरूप को बदला नहीं जा सकता है। इसमें पूजा अर्चना करना गलत है। इसमें पूजा करने से किसी भी प्रकार का फायदा नहीं है। यह जो पूरा मोहल्ला है, वह आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का है। यहां निचले तबके के लोग रहते हैं। यहां अगर मंदिर में पूजा अर्चना शुरू होती है, तो उससे हजारों लोग परेशान होंगे। कहा कि हमारी मांग है जो यथास्थिति है, उसे वैसे ही रखा जाय, पूजा अर्चना की बातें फ़ालतू हैं। इससे नुकसान के अलावा किसी को कोई फायदा नहीं होने वाला है। 60-70 वर्षों से बंद है, लेकिन अभी तक कोई पूजा अर्चना करने नहीं आया।
तथ्यों को देखने के बाद कोई निर्णय लिया जाएगा
इस मामले में डीसीपी गौरव बंशवाल ने बताया कि यहां मंदिर कई वर्षों से था। यह मंदिर सार्वजनिक है। कुछ संगठनों द्वारा इसका ताला खुलवाकर इसमें पूजा अर्चना की मांग की गई है। उसी के लिए राजस्व और प्रशासन की टीम यहां पर आई थी। इसके अभिलेखों का अध्ययन कर आगे की विधिक कार्यवाही की जाएगी। सभी पुराने अभिलेख हैं, उनका अध्ययन करने में 3-4 दिन का समय लग सकता है। ऐतिहासिक तथ्यों को देखने के बाद कोई निर्णय लिया जाएगा।
सुरक्षा की दृष्टि से PAC तैनात
डीसीपी ने आगे कहा कि यदि इसमें हिंदू पक्ष का मालिकाना हक सामने आता है, तो किसी स्थानीय निवासी को कोई आपत्ति नहीं है। सभी निर्णय अभिलेखों का अध्ययन करने के बाद ही लिया जाएगा। सुरक्षा की दृष्टि से यहां पर PAC तैनात कर दी गई है। एडीएम सिटी आलोक वर्मा ने कहा कि अभी समाचार पत्रों के जरिए ये मामला हमारे संज्ञान में आया है। उसी का हमलोगों ने निरीक्षण किया है। इसमें 3-4 दिनों का समय लगेगा। अध्ययन के बाद ही निष्कर्ष तक हमलोग पहुंच पाएंगे।
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