नवंबर के दूसरे सप्ताह दक्षिण की तरफ होगी वेस्टर्न डिर्स्टबेंस की दिशा…पड़ेगी कड़ाके की ठंड
मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में राज्य में मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा। बीते 24 घंटों की बात करें तो बाड़मेर सबसे गर्म इलाका रहा। यहां सर्वाधिक तापमान 37.5 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक उत्तर वेस्टर्न डिर्स्टबेंस की ऊंचाई ज्यादा है। इसके चलते अभी हिमालय के पहाड़ों पर बारिश और बर्फबारी नहीं हो रही है। यही वजह है कि अभी ठंड कम महसूस हो रही है। लेकिन नवंबर के दूसरे सप्ताह से इन वेस्टर्न डिर्स्टबेंस की दिशा दक्षिण की तरफ हो जाएगी, जिससे इनका प्रभाव जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल, पंजाब, उत्तराखंड में पड़ने लगेगा. इसके बाद ही राजस्थान समेत अन्य राज्यों में भी प्रभाव दिखने लगेगा।
जयपुर। राजस्थान में रात का तापमान अब तेजी से लुढ़कने लगा है। माउंटआबू में न्यूनतम तापमान (Minimum temperature in Mount Abu)12.8 डिग्री दर्ज किया गया है। वहीं राजधानी जयपुर में 18.4 डिग्री दर्ज किया गया। बाड़मेर सबसे गर्म (barmer hottest) इलाका रहा। यहां अधिकतम तापमान 37.5 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 14.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
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तापमान में अभी ज्यादा गिरावट नहीं
राजस्थान में इस बार दिसंबर से जनवरी के बीच तेज कड़ाके की ठंड (extreme cold) पड़ने की संभावना है। हालांकि नवंबर महीना चल रह है, लेकिन तापमान में अभी ज्यादा गिरावट नहीं आई है, लेकिन अगले सप्ताह तक हिमालय से चलने वाली हवाओं का रुख दक्षिण की तरफ होगा। इसके बाद राजस्थान में सर्दी का प्रभाव और तेजी से बढ़ेगा।
राजस्थान में सर्दी की एंट्री
राजस्थान में सर्दी की एंट्री हो रही है। कई जिलों में पारा 20 डिग्री के नीचे पहुंच गया है। जयपुर में अधिकतम तापमान 34 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं सीकर में अधिकतम तापमान 37.6 व न्यूनतम तापमान 16.6 डिग्री दर्ज किया गया। कोटा में अधिकतम तापमान 33.5 व न्यूनतम तापमान 16.5 डिग्री दर्ज किया गया। इसी तरह करौली में 16.9, जोधपुर में 19.8, जालोर में 17 और धौलपुर में न्यूनतम तापमान 17.6 डिग्री रहा।
बाड़मेर सबसे गर्म इलाका
मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में राज्य में मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा। बीते 24 घंटों की बात करें तो बाड़मेर सबसे गर्म इलाका रहा। यहां सर्वाधिक तापमान 37.5 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक उत्तर वेस्टर्न डिर्स्टबेंस की ऊंचाई ज्यादा है। इसके चलते अभी हिमालय के पहाड़ों पर बारिश और बर्फबारी नहीं हो रही है। यही वजह है कि अभी ठंड कम महसूस हो रही है। लेकिन नवंबर के दूसरे सप्ताह से इन वेस्टर्न डिर्स्टबेंस की दिशा दक्षिण की तरफ हो जाएगी, जिससे इनका प्रभाव जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल, पंजाब, उत्तराखंड में पड़ने लगेगा. इसके बाद ही राजस्थान समेत अन्य राज्यों में भी प्रभाव दिखने लगेगा।
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