जयपुर। इस बार देशी और विदेशी पर्यटक(domestic and foreign tourists) घूमने के लिए राजस्थान का रख कर रहे हैं। यहां के किले और संस्कृति पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। देशी के साथ साथ विदेशी पर्यटक अपने हिसाब से टूर प्लान कर किले-महलों की सुंदरता निहारने के लिए राजस्थान आते हैं। पर्यटन विभाग के अनुसार घरेलू पर्यटकों को जुलाई से सितंबर माह के दौरान प्रदेश घूमना पसंद आया तो वहीं विदेशी पावणे अक्टूबर में यहां घूमने आए।
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पर्यटकों में अलग ही उत्साह
राजस्थान की संस्कृति और एतिहासिक इमारतों को देखने के लिये देश-विदेश से पर्यटक खींचे चले आते है। यूं तो साल भर ही सैलानियों के मरूधरा आने का सिलसिला जारी रहता है लेकिन सवाई जयसिंह द्वितिय द्वारा बसाये गये जयपुर को देखने के लिये पर्यटकों में अलग ही उत्साह नजर आता है। यहां स्कूलों के अवकाश के अलावा तीज त्योहार पर यहां के सतरंगी छटा को देखने दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से पावणें गुलाबीनगर पहुंचते है। साल 2023 की तुलना में इस बार 2024 में पर्यटकों की संख्या में भारी कमी देखने को मिली।
अक्टूबर में 41 प्रतिशत विदेशी आए
पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार जनवरी से मार्च तक 23 प्रतिशत, अप्रैल से जून में 20 प्रतिशत, जुलाई से सितंबर में 30 प्रतिशत और अक्टूबर में 27 प्रतिशत घरेलू पर्यटकों ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थित किले, महल, स्मारक और संग्रहालयों सहित अन्य पर्यटन स्थलों की विजिट किया है। पर्यटन विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशी पर्यटकों को यहां आकर त्योहार सेलिब्रेट करना पसंद है। जनवरी से मार्च तक 30 प्रतिशत, अप्रैल से जून तक 11 प्रतिशत, जुलाई से सितम्बर तक 18 प्रतिशत और अक्टूबर में 41 प्रतिशत विदेशी पावणों ने राजस्थान आए हैं।
जयपुर के किले आ रहे पसंद
पर्यटन विभाग के अनुसार देसी और विदेशी पर्यटकों को जयपुर खूब भा रहा है। सबसे ज्यादा पर्यटक जंतर मंतर, हवा महल, आमेर और जयगढ़ देखने आ रहे हैं। पर्यटको की भीड़ को देखते हुए पर्यटन विभाग ने आमेर फोर्ट से जयगढ़ फोर्ट तक गोल्फ कार्ट सेवा शुरू की गई है। अब इस कार्ट सेवा से पर्यटक इस मार्ग के चारों ओर फैली अरावली पर्वत की हरियाली और खूबसूरती को निहारते हुए 15 मिनट से भी कम समय में आमेर फोर्ट से जयगढ़ फोर्ट तक पहुंच सकेंगे।
पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद
पर्यटकों की संख्या की कमी के पीछे का कारण दीवाली का त्योहार का अक्टूबर माह में आना माना जा रहा है क्योंकि त्योहार के चलते लोग घुमने नहीं निकल सके। कम संख्या बल को लेकर मौसमी बीमारियों को भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है जिसमें डेंगू और चिकनगुनिया के कारण पर्यटकों में इंफेक्शन फैलने का डर बना हुआ था। आगामी दिनों में शीतकाल में पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने की पूरी उम्मीद है।
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