उदयपुर। महाराण प्रताप के वंशजों (descendants of maharan pratap) के बीच राजघराने में चल रहे विवाद और 25 नवंबर की पत्थरबाजी के बाद सिटी पैलेस के दरवाजे गुरुवार 28 नवंबर की शाम को 6 बजे खोले गए। इस दौरान लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने प्रशासन का धन्यवाद देते हुए कहा कि यहां पहले की तरह लोग एंट्री कर सकते हैं। पर्यटक यहां आकर पहले की तरह आनंद ले सकते हैं।
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25 नवम्बर से बंद थे सिटी पैलेस के दरवाजे
बता दें कि पिछले 25 नवम्बर में राजघराने में चल रहे विवाद (ongoing disputes in the royal family) के बाद से ही सिटी पैलेस के दरवाजे बंद थे। दरअसल 25 नवम्बर को दिवगंत महेन्द्र सिंह मेवाड़ के बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ का चित्तौड़गढ़ में राजतिलक (Coronation of Mahendra Singh Mewar’s son Vishwaraj Singh Mewar in Chittorgarh.) हुआ था। उसके बाद वे सिटी पैलेस में धूणी माता के दर्शन के लिए जाने वाले थे। इसको लेकर उनके चाचा ने वकील के जरिए एक आम सूचना जारी की थी। इस सूचना में उन्होंने कहा था कि पैलेस में अनाधिकृत व्यक्तिों के प्रवेश को लेकर रोक रहेगी। इसी के कारण क्षत्रिय समाज के लोगों में आक्रोश भड़क उठा था।
लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने प्रशासन को धन्यवाद दिया
राजतिलक के बाद जब विश्वराज सिंह मेवाड़ धूणी के दर्शन के लिए सिटी पैलेस पहुंचे तो वहां पर पहले से ही दरवाजे बंद थे। दोनों पक्षों के बीच विवाद इस कदर बढ़ा की नौबत पत्थरबाजी तक आ गई। उसके बाद से ही पैलेस के दरवाजे बंद थे। आज गुरुवार को पैलेस को एक बार फिर से ट्यूरिस्ट के लिए खोल दिया गया है। इस मौके लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने प्रशासन को धन्यवाद भी दिया। कहा कि मामले को शांतिपूर्ण तरिके से निपटा दिया।
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