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क्यों Pink City कहलाता है राजस्थान का जयपुर? दिलचस्प है Jaipur के ‘पिंक सिटी’ बनने की कहानी

pink city jaipur

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जयपुर (Jaipur) की हर गली, हर दीवार, हर दुकान – सब कुछ गुलाबी रंग में रंगा हुआ है, जो इसे बाकी शहरों से बिल्कुल अलग बनाता है। राजस्थान की यह राजधानी (Pink City) भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। अपनी समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक इमारतों (history of Jaipur) और स्वादिष्ट व्यंजनों के मामले में इस शहर का कोई मुकाबला नहीं है।


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इस खूबसूरत शहर को यह नाम क्यों मिला?

आपने जानते होंगे कि राजस्थान (Rajasthan) की राजधानी जयपुर (Jaipur) को गुलाबी शहर (Pink City) कहा जाता है लेकिन क्या मन में कभी सवाल आया है कि इस खूबसूरत शहर को यह नाम क्यों मिला? चलिए इस आर्टिकल में हम आपको जयपुर के गुलाबी रंग के पीछे की दिलचस्प कहानी (Why Jaipur is Pink City) के बारे में बताते हैं।


घूमने के लिए कई जगह
जयपुर में घूमने के लिए कई जगहें हैं, जैसे कि हवा महल (Hawa Mahal), जंतर मंतर (Jantar Mantar – Jaipur), आमेर किला (Amer Fort) और सिटी पैलेस (The City Palace)। आप यहां राजस्थानी लोक संगीत, नृत्य और लोक कलाओं का आनंद ले सकते हैं। जयपुर के बाजार रंग-बिरंगे कपड़ों, हस्तशिल्प, ज्वेलरी और खाने-पीने की चीजों से भरे हुए हैं। आप भी यहां कभी न कभी जरूर घूमें होंगे या फिर तस्वीरों में इसकी खूबसूरती का दीदार जरूर किया होगा।


कैसे बना जयपुर ‘गुलाबी शहर’
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जयपुर को ‘गुलाबी शहर’ बनने का श्रेय महारानी एलिजाबेथ और प्रिंस ऑफ वेल्स युवराज अल्बर्ट (Queen Elizabeth and Prince of Wales Prince Albert) को जाता है। जी हां, 19वीं सदी में जब ये शाही जोड़ा भारत दौरे पर आया था, तब जयपुर के तत्कालीन महाराजा सवाई राम सिंह द्वितीय (Maharaja Sawai Ram Singh II) ने उनके स्वागत के लिए जोरो-शोरों से तैयारियां की थी। महाराजा चाहते थे कि महारानी और युवराज जयपुर की यात्रा को हमेशा याद रखें और दुनिया भर के लोग भी इस शहर की खूबसूरती को सराहें।


शहर को एक खास रंग में रंगने का रिवाज
महाराजा के मन में एक अनोखा विचार आया। उन्होंने सोचा कि क्यों न पूरे शहर को एक ही रंग में रंग दिया जाए ताकि यह यात्रा उनके लिए और भी यादगार बन जाए। उस समय राजपूत परंपरा में किसी खास मेहमान के स्वागत के लिए शहर को एक खास रंग में रंगने का रिवाज था। इसी परंपरा को ध्यान में रखते हुए, महाराजा ने गुलाबी रंग को चुना। गुलाबी रंग को आतिथ्य और सम्मान का प्रतीक(Symbol of hospitality and respect) माना जाता था।


एक शाही स्वागत की कहानी
महाराजा के इस फैसले के बाद पूरे शहर में रंगाई-पुताई का काम शुरू हो गया। महलों, हवेलियों, दुकानों और घरों, सभी को गुलाबी रंग में रंग दिया गया। जब महारानी और युवराज जयपुर पहुंचे तो वे इस खूबसूरत शहर की नज़ारे देखकर दंग रह गए। उन्हें यह शहर इतना पसंद आया कि उन्होंने महाराजा को इस अनोखे स्वागत के लिए धन्यवाद दिया।


समृद्ध संस्कृति के लिए दुनिया भर में मशहूर
महाराजा सवाई राम सिंह द्वितीय ने यह फैसला लिया कि जयपुर शहर हमेशा गुलाबी रंग में ही रहेगा। इस तरह, जयपुर हमेशा के लिए ‘गुलाबी शहर’ के नाम से जाना जाने लगा। आज, जयपुर अपनी खूबसूरत गुलाबी इमारतों, रंग-बिरंगे बाजारों, हस्तशिल्प और समृद्ध संस्कृति के लिए दुनिया भर में मशहूर हैं। आप यहां राजस्थानी साड़ी, मोती की ज्वेलरी और लकड़ी के ट्रेडिशनल खिलौने (wooden traditional toys) खरीद सकते हैं।


राजसी इमारतें और खूबसूरत नजारे
जयपुर यानी पिंक सिटी, भारत के सबसे खूबसूरत शहरों में से एक है। अगर आप इतिहास और वास्तुकला के शौकीन हैं, तो जयपुर आपके लिए एकदम सही जगह है। यहां मौजूद शानदार किले, महल और राजसी इमारतें (Magnificent forts, palaces and majestic buildings)आपको एक अलग ही दुनिया में ले जाएंगी। आमेर का किला, जयगढ़ किला और हवा महल जैसी ऐतिहासिक इमारतें न केवल भारत बल्कि दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। यकीन मानिए, इन इमारतों की भव्यता और वास्तुकला का नजारा देखकर आप दंग रह जाएंगे।


कोना-कोना देता है इतिहास की गवाही
जयपुर में आपको हर कोने पर इतिहास की झलक मिलेगी। यहां की हर गली, हर दीवार, हर इमारत अपनी कहानी कहती है। अगर आप अपने परिवार के साथ यहां टूर का प्लान बना रहे हैं, तो जयपुर आपके लिए एकदम सही जगह है। यहां के किले और महलों का दीदार करके बच्चों को भी इतिहास के बारे में बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है।


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