जयपुर। डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं लगातार तेजी से बढ़ रही हैं। शातिर ठग पुलिस, सीबीआई और कस्टम ऑफिसर या जज बनकर वीडियो कॉल करते हैं और लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर ठगी कर रहे हैं। इससे बचाव के लिए गृह मंत्रालय ने हाल ही एडवाइजरी जारी की (Home Ministry recently issued advisory) है। जबकि राजस्थान सहित देशभर में डिजिटल अरेस्ट के मामले पिछले करीब 8-10 महीनों से सामने आ रही हैं।
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मोबाइल से गृह मंत्रालय की एडवाइजरी कॉलर
पिछले दो दिन से मोबाइल से कॉल करने पर गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गई एडवाइजरी कॉलर को सुनाई दे रही है। जिसमें कहा जा रहा है कि यदि आपके पास पुलिस, सीबीआई और कस्टम ऑफिसर या जज (Police, CBI and Custom Officer or Judge) के नाम से वीडियो कॉल आए तो सावधान रहिए। ये साइबर ठग हो सकते हैं। इसकी शिकायत राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नबर 1930 (National Cyber Helpline Number 1930) पर शिकायत दर्ज कराएं। डिजिटल अरेस्ट जैसी घटनाओं के लोग काफी पहले से शिकार हो रहे हैं। शातिर ठग अब तक डिजिटल अरेस्ट कर न जाने कितने ही लोगों को साइबर ठगी का शिकार बना चुके हैं। घटनाएं बढ़ने पर गृह मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की है।
यूं कर रहे डिजिटल अरेस्ट
शातिर ठग लोगों के मोबाइल पर वॉट्स-ऐप पर वॉइस या वीडियो करते हैं और खुद को टेलीकॉम रेगूलेटरी ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई), पुलिस, सीबीआई, कस्टम के अधिकारी या फिर जज बताते हैं।वीडियो कॉल पर पूरा थाने का सेटअप दिखाते है या फिर वॉट्स-ऐप पर कोर्ट का नोटिस व गिरतारी वारंट आदि भेजते हें। इसके बाद कई घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर टॉर्चर करते हैं और ठगी का शिकार बनाते हैं।
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