जयपुर। कांग्रेस सरकार की महत्वाकांक्षी योजना महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों (Mahatma Gandhi English medium schools) में अब आधा शिक्षा सत्र बीतने के बाद ही शिक्षकों का पदस्थापन किया जा सकेगा। हालांकि, उन शिक्षकों के सामने यह संकट खड़ा हो गया है, जिन्होंने अपने गृह जिलों में आने के लिए चयन परीक्षा दी थी। उनका चयन भी हो गया, लेकिन अब सरकार ने प्रदेश में 9 जिलों को ही समाप्त कर दिया है।
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अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के लिए 88 हजार शिक्षकों ने परीक्षा दी
ऐसे में चयनित शिक्षकों के घर आने का भूगोल ही बदल गया है। चयनित शिक्षकों के जनवरी में पदस्थापन आदेश जारी होने की संभावना है। प्रदेश के 3737 अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के लिए 88 हजार शिक्षकों ने चयन परीक्षा दी थी (88 thousand teachers took the examination for English medium schools.) सबसे बड़ी संख्या तृतीय श्रेणी शिक्षकों की थी, जिनके तबादले लंबे समय से नहीं हो रहे हैं। इस रास्ते से उन्हें गृह या आस पास पदस्थापन मिलने की आस थी। लेकिन एक बार फिर उनके गृह जिले में जाने की उम्मीदों पर सरकार ने नवगठित जिलों की संख्या कम करके पानी फेर दिया। परीक्षा में 30 हजार शिक्षकों का चयन किया गया था। चयन के लिए 40 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य था।
50 जिलों के हिसाब से मांगे थे आवेदन
जिस समय चयन परीक्षा लिए आवेदन मांगे गए थे, उस समय प्रदेश में 50 जिले थे। लिहाजा, गृह, जिलों में आने के लिए भी शिक्षकों ने आवेदन कर दिए थे। जब पदस्थापन देने का समय आया है, तो राज्य में 9 जिलों को समाप्त ही कर दिया। खत्म किए गए जिलों में आने के इच्छुक उन शिक्षकों का चयन किस आधार पर किस जिले में किया जाए, इसके लिए कोई रास्ता भी नहीं निकाला गया।हालांकि, विभागीय सूत्रों का कहना है कि पदस्थापन देने से पहले विधिक राय ली जाएगी, ताकि बाद में कोई शिक्षक अदालत की शरण में न चला जाए।
परीक्षा का परिणाम जारी, अब होगा पदस्थापन
अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के विद्यार्थियों को निजी स्कूलों की तरह ही अंग्रेजी में मजबूत करने के लिए अंग्रेजी माध्यम शिक्षकों का ही पदस्थापन करना था। शिक्षा विभागीय परीक्षाएं पंजीयक ने 25 अगस्त को परीक्षा आयोजित कराई। ताकि सितंबर तक परिणाम जारी कर उनका पदस्थापन किया जा सके, लेकिन बोनस अंकों को लेकर मामला अदालत में चला गया। गत दिनों अदालत के फैसले के बाद 23 दिसंबर को चयन परीक्षा का परिणाम जारी किया गया।
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