जयपुर । जयपुर में 297वें स्थापना दिवस को इस बार रामराज्य की थीम (Ramrajya theme) पर मनाया जाएगा। नगर निगम ग्रेटर एक माह तक कई ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित करेगा। शुरुआत 18 नवंबर को गणेश पूजा से हुई, जहां सैकड़ों महिलाओं ने मंदिरों में 1 हजार दीपों के साथ गणेश जी की पूजा का आयोजन किया। मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर (Mayor Dr. Soumya Gurjar) ने बताया कि इसकी शुभ शुरुआत मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में महाआरती से हुई। इसके बाद गंगापोल गेट पर पूजा-संग्रह की गई, जहां जयपुर शहर की स्थापना (Establishment of Jaipur city) की गई थी। फिर गोविंद देव जी मंदिर में पूजा-अर्चना की गई और पूरे शहर में दीपदान किया जाएगा। वहीं, 21 नवंबर को स्वतंत्रता सप्ताह का आयोजन किया जाएगा। मेयर का मानना है कि अब राजस्थान में रामराज्य की सरकार बन गई है। इसलिए जयपुर शहर को रामराज्य की थीम पर छूट दी जाएगी।
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गुलाबी शहर जयपुर का आज 297वां का स्थापना दिवस
गुलाबी शहर जयपुर का आज 297वां का स्थापना दिवस है। 1727 में आज ही के दिन जयसिंह द्वितीय ने जयपुर की स्थापना की थी। विद्या-विज्ञान-कला कौशल के त्रिवेणी संगम से ये शहर उभरा है। जयपुर शहर हस्तशिल्पों के हुनर का ताना-बाना नयनाभिराम है। कभी चारदीवारी तक सीमित रहने वाला शहर जयपुर तेजी से फैल रहा है। 3 ओर अरावली पहाड़ियों के बीच भव्य परकोटे में बसा जयपुर शहर है। स्थापना के समय महज 38 हजार की आबादी शहर में रहती थी। और फल फूलते जयपुर में अब करीब 40 लाख से पार आबादी रहती है। जयपुर का परकोटा 2019 से यूनेस्को की विश्व विरासत सूची (UNESCO World Heritage List) में है। वास्तुकार-स्थापत्य-मर्मज्ञ भी संसार के सर्वसुंदर शहरों में जयपुर शुमार है। 1971 में 76 वर्ग किमी में फैला जयपुर आज 3000 वर्ग किमी में फैला है।
सवाई जयसिंह द्वितिय ने की थी स्थापना
आज जयपुर शहर आधुनिकता की ओर दिन रात आगे बढ़ रहा है। आइए पुरखों द्वारा सौंपे सुंदर शहर की शान में चार चांद लगाएं। भारत का पेरिस कहे जाने वाले जयपुर शहर को सहेजकर रखना चुनौती है। पूर्व के पेरिस के नाम से मशहूर गुलाबी शहर जयपुर का 18 नवम्बर को जन्मदिन हैं। सवाई जयसिंह द्वितिय ने इस शहर की स्थापना की (Sawai Jai Singh II founded) थी। स्थापत्य की दृष्टि से लेकर अपनी संस्कृति और कला को लेकर जयपुर का लोहा पूरी दुनिया मानती हैं।
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