जयपुर। राजस्थान में मच्छर जनित बीमारियां डेंगू और स्क्रब टाइफस (dengue and scrub typhus) का स्प्रेड खतरनाक गति तक पहुंच गया है। बीते सात दिन में डेंगू के मरीजों का आंकड़ा एक हजार की बढ़ोत्तरी के साथ 3900 से करीब 4900 तक पहुंच चुका है। चिंता की बात यह है कि मच्छर जनित (mosquito borne) ये दोनों बीमारियां लोगों की जिंदगियां भी लील रही है।
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स्क्रब टाइफस से 10 मरीजों की मौत
इसी तरह स्क्रब टाइफस से विभाग ने पूरे राज्य में 6 मौतें बताई हैं। जबकि अकेले जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल (Sawai Mansingh Hospital, Jaipur) में इस वर्ष इस बीमारी से 10 मरीज दम तोड़ चुके हैं। राजस्थान में मौसमी बीमारियां लगातार फैल रही हैं। जिसके चलते अस्पतालों में मरीजों की लाइन लगी हुई है। घर-घर में मौसमी बीमारियों के मरीज सामने आ रहे हैं। जबकि स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के परे राजधानी जयपुर में प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में स्क्रब टायफस से 6 लोगों की मौत हुई है।
जांच कराए बिना ही डॉक्टर्स से ले रहे इलाज
इधर, कोटा और दौसा (Kota and Dausa) में डेंगू से मौत की खबरें सामने आई है। जबकि कई लोग डेंगू और मलेरिया (malaria) की जांच कराए बिना ही डॉक्टर्स से इलाज ले रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग (health department) के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल राजस्थान में डेंगू के चार हजार 227 केस, मलेरिया के 1028 और स्क्रब टायफस के 1988 केस आ चुके हैं। डेंगू और स्क्रब टायफस से मौतों की खबरें सामने आ रही है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अब तक डेंगू और स्क्रब टायफस से एक भी मौत नहीं हुई है।
स्क्रब टाइफस के जयपुर में सर्वाधिक मामले
राज्य में स्क्रब टाइफस के सर्वाधिक 338 मरीज जयपुर जिले में सामने आए हैं। यहां 4 की मौत दर्ज की गई है। इसके अलावा 357 उदयपुर, 151 अलवर, 178 कोटा, 124 दौसा, 112 चित्तौड़गढ, 230 राजसमंद में मरीज मिले हैं। भरतपुर में 57 और सीकर में 26 मरीजों पर एक-एक मौत दर्ज की गई है। प्रदेश में कल 2151 मरीजों पर 6 की मौत हुई है।
विभाग ने 50 जिलों में माना डेंगू, 33 जिलों में स्क्रब टाइफस
विभाग की ओर से एक अक्टूबर तक के जारी आंकड़ों में प्रदेश में डेंगू के 4816 मरीज और कोटा में एक की मौत बताई गई है। जबकि अन्य जिलों में भी मौतें हो चुकी हैं। इनमें 2-2 जयपुर-जोधपुर-बांसवाड़ा और एक धौलपुर जिले की है।
जिलों में टीमें भेजी जा रही है
स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ (Principal Secretary of Health Department Gayatri Rathore) का कहना है कि लोग वायरल (viral) समझकर ही घर पर ट्रीटमेंट कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बीकानेर, बाड़मेर, बांसवाड़ा, उदयपुर और धौलपुर समेत ज्यादा केसेज वाले जिलों में टीमें भेजी जा रही है।
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