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SI पेपर लीक मामले में हाईकोर्ट के आदेश, अभी नहीं मिलेगी पोस्टिंग, कटारा को भी झटका

Sub Inspector (SI) Recruitment-2021

Sub Inspector (SI) Recruitment-2021

जयपुर। हाईकोर्ट के उपनिरीक्षक (एसआई) भर्ती-2021 (Sub Inspector (SI) Recruitment-2021) मामले में यथास्थिति का आदेश 10 दिसम्बर तक बढ़ाने से पोस्टिंग अभी नहीं हो पाएगी। उधर, पेपरलीक मामले में हाईकोर्ट ने 10 प्रशिक्षु एसआई को जमानत दी, वहीं 9 अन्य आरोपियों को जमानत का लाभ देने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट के दोनों आदेश शुक्रवार को आए।


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एसओजी ने मार्च में गिरफ्तार किया

एसआई भर्ती पेपरलीक मामले (SI Paper Leak Case) के 19 आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर न्यायाधीश गणेशराम मीणा (Judge Ganeshram Meena) ने 8 नवम्बर को सुनवाई पूरी कर ली थी, जिस पर फैसला सुनाया। कोर्ट से राहत पाने वाले 10 प्रशिक्षुओं पर आरोप था कि लिखित परीक्षा से एक से डेढ़ घंटे पहले मोबाइल पर पेपर पहुंच गया और आंसर-की पहले ही देख ली। उन्होंने अन्य अभ्यर्थियों को भी पेपर शेयर किया। अधिकांश आरोपियों को एसओजी (SOG) ने मार्च में गिरफ्तार किया।


इनको मिली जमानत
प्रशिक्षु एसआई करणपाल, एकता, मनोहर, सुरेंद्र, रोहिताश, राजेश्वरी, अभिषेक, प्रवीण, प्रेमसुखी और नीरज कुमार यादव। इनको जमानत नहीं- गिरधारीराम, जगदीश सिहाग, हरकू, चेतन सिंह, दिनेश सिंह, राजाराम, अंकित, भगवती और हनुमान।


किसान क्रेडिट कार्ड से ऋण लेकर पैसा चुकाया
विशिष्ट लोक अभियोजक अनुराग शर्मा (Special Public Prosecutor Anurag Sharma) ने एसओजी की ओर से कोर्ट को बताया कि एक आरोपी के पिता ने किसान क्रेडिट कार्ड से 30 लाख रुपए ऋण लेकर पेपरलीक करने वालों को पैसा दिया। आरोपियों के पास पेपर के बदले दिए पैसों के हिसाब की पर्ची मिली। आरोपी याचिकाकर्ताओं की ओर से जमानत का आग्रह करते हुए कहा कि एक तरह की पर्चियां मिलने की एसओजी की कहानी मनगढंत है। जो पेपर ले रहा है, वह चयन के बाद पैसे देने की पर्ची क्यों रखेगा?


9 आरोपियों की जमानत खारिज
हाईकोर्ट ने जमानत के आदेश में आरोपियों के पास पर्ची मिलने संबंधी एसओजी के कथन पर संदेह जताया। वहीं कहा कि जमानत नियम है और जेल अपवाद (Bail is the rule and jail is the exception.) है। इसका उल्लेख करते हुए कोर्ट ने परीक्षा से पहले पेपर पाने वाले 10 आरोपियों को जमानत दी, जिन 9 आरोपियों की जमानत खारिज की, उनसे संबंधित आदेश में कोर्ट ने कहा कि स्ट्रॉग रूम से पेपर निकालकर उसकी फोटो लेने और अभ्यर्थियों तक पहुंचाने का आरोप है। परीक्षा में डमी कैंडिडेट की व्यवस्था की। इनका इरादा धन कमाना रहा हो सकता है। ऐसे में जमानत नहीं दी जा सकती।


सरकार पहले भर्ती पर जवाब दे
एसआई भर्ती 2021 संबंधित परीक्षा रद्द करवाने के लिए दायर याचिका पर जवाब के लिए शुक्रवार को राज्य सरकार ने 4 सप्ताह का समय मांगा, जिसका याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता हरेन्द्र नील ने विरोध किया। न्यायाधीश समीर जैन ने जवाब के लिए 2 सप्ताह का समय देते हुए कहा कि भर्ती पर सरकार स्टैंड बताए। कोर्ट ने यथास्थिति आदेश जारी रखते हुए सुनवाई 10 दिसम्बर तक टाल दी। अगली सुनवाई तक पोस्टिंग प्रक्रिया के अंतर्गत परीक्षा, पासिंग आउट परेड नहीं हो सकेगी। कोर्ट ने करीब 100 प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों के याचिका में पक्षकार बनने के आग्रह को भी स्वीकार कर लिया।


कटारा को क्षमादान नहीं
आरपीएससी के निलंबित सदस्य बाबूलाल कटारा (Suspended RPSC member Babulal Katara) ने क्षमादान का आग्रह करते हुए सरकारी गवाह बनने की इच्छा जताई, जिसे एडीजे कोर्ट जयपुर ने नामंजूर कर दिया। कोर्ट ने कहा, पर्याप्त साक्ष्य हैं, सरकारी गवाह बनाने की जरूरत नहीं हैं।


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