जयपुर। एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद नरेश मीणा की गिरफ्तारी को लेकर भड़की हिंसा पर माहौल अभी भी गरम है। फिलहाल इलाके में पुलिस का कड़ा पहरा है। वहीं न्यायिक जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज कर दी गई है। जिले के समरावता और अलीगढ़ कस्बे (Samrawata and Aligarh towns) के आसपास के इलाकों में अभी भी तनाव के हालात हैं, सुरक्षा के लिहाज से यहां पुलिस फोर्स तैनात है। कोर्ट ने नरेश मीणा को 14 दिन कि न्यायिक हिरासत (Naresh Meena gets judicial custody for 14 days) में भेज दिया है। हालांकि, अलीगढ़ कस्बे के पास टोंक-सवाई माधोपुर हाईवे पर लगे जाम को करीब 10 घंटे बाद पुलिस ने खुलवा दिया है।
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पुलिस कार्रवाई पर सवाल
समरावता गांव में हाल ही में हुई हिंसक घटना को लेकर राजनीतिक और सामाजिक स्तर (political and social level) पर बहस जारी है। घटना के बाद ग्रामीणों और नेताओं ने विभिन्न मांगें उठाईं, जिनमें दोषियों को सजा देने और निर्दोषों को रिहा करने पर जोर दिया गया। ग्रामीण जमनालाल ने कहा कि घटना के समय उनके घर पर पुलिस ने आकर उनके रिश्तेदारों, पत्नी और बच्चों को बाहर निकाला और मारपीट की। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी 5 लाख रुपये और जेवरात लेकर चले गए। हेमराज मीणा ने कहा कि गांव के भोले-भाले युवक एक कार्यक्रम में गए थे, लेकिन अचानक हुई घटना में फंस गए।
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा का हस्तक्षेप
भाजपा नेता और मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा (BJP leader and minister Dr. Kirori Lal Meena) ने समरावता कांड की न्यायिक जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि यह घटना सुनियोजित प्रतीत होती है और पुलिस ने समय पर कार्रवाई नहीं की, जिससे बाहरी लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए। डॉ. मीणा ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि निर्दोष बच्चों को छोड़ा जाएगा और दोषियों को सजा दिलाई जाएगी। उन्होंने कहा, “सरकार ग्रामीणों के नुकसान की भरपाई करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में गांव में इस तरह की घटनाएं न हों।”
गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह का बयान
गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह वेढम (Minister of State for Home Jawahar Singh Vedham) ने समरावता के ग्रामीणों से मुलाकात की और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इस समय महाराष्ट्र के दौरे पर हैं, लेकिन पूरे मामले की पारदर्शी जांच होगी। उन्होंने यह भी कहा कि दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी, लेकिन निर्दोषों को परेशान नहीं किया जाएगा। पुलिस ने अब तक 60 लोगों को हिरासत में लिया है और दोषियों की पहचान की जा रही है। गृह राज्य मंत्री ने कहा कि घटना आकस्मिक थी और इसमें इंटेलिजेंस की विफलता नहीं मानी जा सकती।
ग्रामीणों की चिंता
ग्रामीणों ने समाज कंटकों के गांव में प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि निर्दोष युवकों को रिहा किया जाए ताकि गांव में भयमुक्त वातावरण बनाया जा सके। डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और गृह राज्य मंत्री ने घटना के बाद ग्रामीणों को भरोसा दिलाया है कि न्याय किया जाएगा। पुलिस और प्रशासन की निष्पक्षता पर नजर रखते हुए ग्रामीण अब स्थिति सामान्य होने की उम्मीद कर रहे हैं।
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