जयपुर। यूजीसी नेट के रिजल्ट ( ugc net result) में हो रही देरी का असर देशभर में दिखने लगा है। कैंडिडेट्स रिजल्ट के इंतजार में परेशान हैं। पेपर लीक के आरोपों के बाद जून की परीक्षा रद्द कर दी गई थी, जिसके बाद कैंडिडेट्स (Candidates) का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है।
यह भी देखें
स्टूडेंट्स लगातार तनाव की स्थिति में
छात्रों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (social media platform x) पर ट्वीट किया, पहले एनटीए ने यूजीसी नेट जून 2024 की परीक्षा रद्द कर दी। इसे तीन महीने बाद फिर से शेड्यूल किया और अब रिजल्ट में देरी हो रही है। कितना गैर जिम्मेदाराना व्यवहार! जून से ही स्टूडेंट्स लगातार तनाव की स्थिति में हैं। यह स्टूडेंट्स के साथ अच्छा नहीं हो रहा।
इतना समय क्यों लग रहा है?
उन्होंने एनटीए और यूजीसी (NTA and UGC) से सवाल करते हुए लिखा, एग्जाम को एक महीने से ज्यादा हो गया है, लेकिन अभी तक रिजल्ट जारी नहीं हुए हैं। सारी प्रोसेस सीबीटी मोड (Process CBT Mode) में है, फिर इतना समय क्यों लग रहा है? हम पहले ही पीएचडी (PhD) में 3-4 महीने लेट हो चुके हैं। यूजीसी नेट परीक्षा हर दो साल में जून और दिसंबर में आयोजित की जाती है। जो कैंडिडेट्स पहले अटेम्प्ट (first attempt) में फेल हो जाते हैं, वो दूसरा अटेम्प्ट देते हैं। लेकिन रिजल्ट में हो रही देरी की वजह से कई कैंडिडेट्स परेशान हो रहे हैं।
आपत्तियों की समीक्षा कर रहे हैं एक्सपर्ट्स
एनटीए ने प्रोविजनल आंसर की (provisional answer key) जारी करने के बाद कैंडिडेट्स से 200 रुपए प्रति क्वेश्चन के हिसाब से आपत्तियां मांगी थीं। अब एक्सपर्ट्स (experts) इन आपत्तियों की समीक्षा कर रहे हैं। यह प्रोसेस पूरा होने के बाद फाइनल आंसर की और रिजल्ट तैयार किया जाएगा। यूजीसी नेट 2024 के रिजल्ट की घोषणा के बारे में कोई निश्चित तारीख नहीं बताई गई है। लेकिन पिछले सालों के ट्रेंड को देखते हुए उम्मीद है कि रिजल्ट कुछ ही दिनों में जारी किया जा सकता है। कैंडिडेट्स यूजीसी की ऑफिशियल वेबसाइट (UGC official website) पर रिजल्ट की अपडेट चेक करते रहें।
नौ लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स ने परीक्षा दी
18 जून, 2024 को 317 शहरों में नौ लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स ने परीक्षा दी थी। इसके एक दिन बाद यानी 19 जून को शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) ने परीक्षा रद्द करने की घोषणा कर दी। यह फैसला पेपर लीक के आरोप के बाद लिया गया था। हालांकि, कुछ हफ्ते बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो की जांच में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं मिला। सीबीआई जांच (CBI investigation) में पता चला कि परीक्षा रद्द करने के लिए जिम्मेदार जानकारी गलत थी और शिक्षा मंत्रालय की कार्रवाई के लिए जुटाए गए सबूतों से छेड़छाड़ की गई थी। इसके बाद रद्द की गई परीक्षा 21, 22, 23, 27, 28, 29, 30 अगस्त और 2, 3, 4, 5 सितंबर को आयोजित की गई थी।
यह भी पढ़ें