अलवर। जिला परिषद की बैठक सोमवार को आयोजित की गई। बैठक में जोरदार हंगामा उस समय देखने को मिला जब भरतपुर सांसद संजना जाटव और कठूमर विधायक रमेश खींची के बीच नोटों की माला मामले को लेकर बहस हो गई।
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क्या नेता बैठक में समोसे खाने आए हैं?
सांसद ने कठूमर में पिछले दिनों पंचायत समिति की मीटिंग में सरपंचों की ओर से विधायक को नोटों की माला पहनाने का मुद्दा उठाया। जिस पर विधायक और सांसद में बहस हो गई। बैठक में मौजूद कांग्रेस के जिला परिषद सदस्यों ने हंगामा कर दिया। विधायक खींची ने तो सांसद जाटव ने यह तक कह दिया कि अभी तक किसी एजेंड़े को नहीं रखा गया केवल बक-बक के अलावा कोई बात नहीं हो रही। इस दौरान मुंडावर विधायक ललित यादव ने कहा- क्या नेता बैठक में समोसे खाने आए हैं?। जगदीश जाटव और संदीप फौलादपुरिया ने विधायक को सांसद से माफी मांगने को कहा। उन्होंने कहा- एक महिला सांसद से बदसलूकी से बात करने वाले विधायक के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। हंगामा बढ़ता देख बैठक को खत्म कर दिया गया।
जब सांसद को आया गुस्सा
बैठक में कलेक्टर डॉ. अर्तिका शुक्ला, एसपी संजीव नैन के अलावा खैरथल-कोटपूतली जिले के कलेक्टर-एसपी भी नहीं आए। बैठक में कलेक्टर और SP के नहीं आने से सांसद संजना जाटव गुस्सा हो गई। उन्होंने कहा कि जब मीटिंग में कलेक्टर और एसपी ही नहीं है तो फिर बैठक का क्या फायदा। कलेक्टर-एसपी के सामने महज एक जिला है। मेरे पास तीन-तीन जिले हैं, फिर भी मैं इनके सबके बीच यहां आई हूं। बैठक में मौजूद अन्य अधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए संजना जाटव ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि आप जनप्रतिनिधियों के फोन न उठाएं।
अगली बार बर्दाश्त नहीं करूंगी-संजना जाटव
भरतपुर सांसद संजना जाटव ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को जनता के बीच में रहना है। जनता की समस्याओं का सुनना और उनका समाधान करना हमारा काम है। इस बार तो अधिकारी नहीं आए लेकिन अगली बार मैं बर्दाश्त नहीं करूंगी। बैठक में कलेक्टर और एसपी से लेकर सभी अधिकारियों का होना जरूरी है। सांसद संजना जाटव ने नोटिस जारी करने की बात भी कही। उन्होंने कहा जब सांसद और विधायक बैठक में मौजूद है तो फिर कलेक्टर और एसपी क्यों नहीं है।
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