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Indian Air Force Day:मौत भी सामने आए तो कहते हैं कि जरा रुक…वायुसेना की बहादुरी को सलाम

indian air force

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महेन्द्र मंगल/जयपुर। “उड़ानों में दम इतना है कि मौत भी सामने आए तो कहते हैं कि जरा रुक जा अभी और भी देश के दुश्मन मारने हैं”। वायु सेना दिवस की बधाई। आज भारतीय वायु सेना दिवस (Indian Air Force ) है। भारतीय वायु सेना दिवस प्रतिवर्ष बड़े ही धूम-धाम के साथ 8 अक्टूबर को सेलिब्रेट किया जाता है। इस वर्ष भारत अपना 91वां इंडियन एयर फोर्स डे मना रहा है। इस दिन को भारतीय वायु सेना के कार्यों और देश के लिए वायु सेना के योगदान को सराहा जाता है। इसके साथ ही भारतीय वायु सेना का स्थापना दिवस भी सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन भारतीय सेना की ओर से भी देश भर के वायु स्टेशनों से लड़ाकू विमानों (fighter planes from air stations) द्वारा करतब दिखाए जाते हैं और भारतीय वायु सेना का शक्ति प्रदर्शन किया जाता है।

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भारतीय वायुसेना – इतिहास और पृष्ठभूमि

1932 में स्थापित भारतीय वायु सेना, भारतीय सशस्त्र बलों (Indian Armed Forces) की वायु शाखा है और इसे यूनाइटेड किंगडम की रॉयल एयर फोर्स (Royal Air Force of the United Kingdom) के सहायक बल के रूप में स्थापित किया गया था। भारतीय वायुसेना की पहली उड़ान अप्रैल 1933 में शुरू हुई। 1939 और 1945 के दौरान, द्वितीय विश्व युद्ध (World War II) की अवधि में , भारतीय वायु सेना के फ्लाइट्स और स्क्वाड्रन कमांडरों (Flights and squadron commanders) ने भी युद्ध में भाग लिया था, और इसके अंत के बाद, IAF का नाम बदलकर रॉयल इंडियन एयर फोर्स (Royal Indian Air Force) कर दिया गया। इसने भारतीय स्वतंत्रता और विभाजन में भी सक्रिय भागीदारी निभाई। 1950 में जब भारत को गणतंत्र घोषित किया गया तो सशस्त्र बलों से ‘रॉयल’ शब्द हटा दिया गया और इसका नाम पुनः भारतीय वायु सेना हो गया। 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना की भूमिका सैन्य विमानन के इतिहास में मील का पत्थर मानी जाती है। दुश्मन के शिविरों को ध्वस्त करना, घायल सैन्यकर्मियों को निकालना और हवाई हमले करना IAF द्वारा किया गया था। देश में प्राकृतिक आपदाओं (natural disasters) के दौरान भारतीय वायुसेना के राहत अभियान बहुत मददगार साबित हुए हैं। आज तक इस सशस्त्र बल ने नियमित सैन्य अभ्यासों के माध्यम से राष्ट्र की सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखने में प्रमुख भूमिका निभाई है।


भारतीय वायु सेना की ताकत
भारतीय वायुसेना संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और रूस (United States, China and Russia) के बाद दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना है। भारतीय वायुसेना संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन (united nations peacekeeping mission) के लिए भी काम करती है। भारतीय सशस्त्र बल का आदर्श वाक्य ‘गौरव के साथ आकाश को छूना’ है, जो श्रीमद्भगवद्गीता के ग्यारहवें अध्याय से लिया गया है।


संगठनात्मक संरचना
वायु सेना को पांच परिचालन और दो कार्यात्मक कमांड में विभाजित किया गया है। प्रत्येक कमांड की देखरेख एयर मार्शल के पद वाले एक एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (Air Officer Commanding-in-Chief) द्वारा की जाती है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। भारत के राष्ट्रपति वायु सेना के सर्वोच्च कमांडर हैं। वायुसेना प्रमुख भारतीय वायुसेना के सैन्य स्टाफ के प्रमुख होते हैं।


हवाई खतरों से राष्ट्र और उसके हवाई क्षेत्र की रक्षा करना
भारतीय वायुसेना का मिशन सशस्त्र सेना अधिनियम 1947 , भारत के संविधान और वायु सेना अधिनियम 1950 द्वारा परिभाषित किया गया है। भारत और उसके प्रत्येक भाग की रक्षा, जिसके अंतर्गत रक्षा के लिए तैयारी और ऐसे सभी कार्य हैं, जो युद्ध के समय युद्ध चलाने और युद्ध की समाप्ति के पश्चात् प्रभावी सैन्य-वियोजन के लिए सहायक हों। भारतीय वायुसेना का प्राथमिक उद्देश्य सेना और नौसेना के समन्वय से हवाई खतरों से राष्ट्र और उसके हवाई क्षेत्र की रक्षा करना है। इसका दूसरा उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं और आंतरिक गड़बड़ियों के दौरान नागरिक शक्ति की सहायता करना है। भारतीय वायुसेना युद्ध क्षेत्र में भारतीय सेना के जवानों को नजदीकी हवाई सहायता प्रदान करती है तथा सामरिक और सामरिक एयरलिफ्ट क्षमताएं भी प्रदान करती है। भारतीय वायुसेना भारतीय सेना के लिए सामरिक एयरलिफ्ट या द्वितीयक एयरलिफ्ट भी प्रदान करती है। भारतीय वायुसेना भारतीय सशस्त्र बलों की अन्य दो शाखाओं, अंतरिक्ष विभाग और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ मिलकर एकीकृत अंतरिक्ष प्रकोष्ठ का भी संचालन करती है।


प्राकृतिक आपदाओं के दौरान नागरिकों का बचाव
अस्थिरता या अन्य समस्याओं की स्थिति में विदेशी देशों से भारतीय नागरिकों को निकालना व्यवहार में, इसे एक निर्देश के रूप में लिया जाता है जिसका अर्थ है कि भारतीय वायुसेना भारतीय हवाई क्षेत्र की सुरक्षा करने और इस प्रकार सशस्त्र बलों की अन्य शाखाओं के साथ मिलकर राष्ट्रीय हितों को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी उठाती है। भारतीय वायुसेना युद्ध के मैदान में भारतीय सेना के जवानों को नजदीकी हवाई सहायता प्रदान करती है और साथ ही रणनीतिक और सामरिक एयरलिफ्ट क्षमताएं भी प्रदान करती है। एकीकृत अंतरिक्ष सेल का संचालन भारतीय सशस्त्र बलों , नागरिक अंतरिक्ष विभाग और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा किया जाता है। नागरिक संचालित अंतरिक्ष अन्वेषण संगठनों और सैन्य संकाय को एक एकीकृत अंतरिक्ष सेल के तहत एकजुट करके सेना अंतरिक्ष अन्वेषण के नागरिक क्षेत्र में नवाचार से कुशलतापूर्वक लाभ उठाने में सक्षम है, और नागरिक विभागों को भी लाभ होता है।


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